अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल पर ईरान के हमलों के बाद पश्चिम एशिया में संकट पैदा होने की आशंका के बीच रविवार को जॉर्डन, सऊदी अरब, तुर्किये और मिस्र के समकक्षों से बातचीत की जबकि रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सऊदी अरब एवं इजरायल के रक्षा मंत्रियों से बात की.
ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन एवं मिसाइलें दागी, जिन्हें इजरायली, अमेरिकी और उसके सहयोगी सेनाओं ने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही हवा में मार गिराया. ईरान ने ड्रोन एवं मिसाइल हमलों को सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास पर एक अप्रैल को किए गये हमले का जवाब बताया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के जी-7 देशों के नेताओं से हुई बातचीत के बाद इस संकट से निपटने में कूटनीतिक तेजी आयी है. जो बाइडन ने जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी फोन पर अलग से बातचीत की.
इन बातचीत में अमेरिकी नेतृत्व ने क्षेत्र में और तनाव बढ़ने से रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया और इजरायल की रक्षा के लिए अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया.
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि इन नेताओं ने गाजा में संकट का स्थायी हल निकालने के लिए राजनयिक प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया जो इजरायल और फलस्तीन के लिए स्थायी शांति और सुरक्षा प्रदान करता है. इस बीच, जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के सबसे बड़े विदेश नीति के संकट पर कांग्रेस के नेताओं से बातचीत की.
13 अप्रैल को ईरान ने 300 से भी ज्यादा किलर ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज ड्रोन इजरायल पर दागे. हालांकि, इजरायल की सेना आईडीएफ का कहना है कि 99 फीसदी मिसाइलों को मार गिराया गया, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन ने भी उसकी मदद की. इस हमले को सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हुए हमले के बदले के तौर पर देखा जा रहा है. इस महीने की शुरुआत में ही वहां हमले किए गए, जिसके पीछे इजरायल को माना जा रहा है. हालांकि, इजरायल ने इसे स्वीकार नहीं किया है.
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