Iran Israel Tensions: 'अगर की इजरायल की मदद तो कर देंगे हमला', ईरान की अमेरिका को धमकी | 10 बड़ी बातें
Iran Attacked Israel: ईरान की ओर से इजरायल पर किए गए हमले के बाद मीडिल ईस्ट में एक नई जंग शुरू हो गई है. अमेरिका ने इजरायल की हरसंभव मदद करने की बात की तो ईरान ने धमकी दे दी.
Iran Israel Tensions: ईरान ने शनिवार (13 अप्रैल) की देर रात इजरायल पर सीधा हमला करते हुए मिसाइलें दागीं. इसके बाद तनाव बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है. इजरायल ने कहा कि ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन लॉन्च किए. ईरान के इस हमले के बाद पश्चिमी देश भड़क गए हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस हमले की निंदा की है.
ईरान ने दी अमेरिका को दी चेतावनी
ईरान ने शनिवार (13 अप्रैल) की रात को इजरायल पर कई मिसाइलें दागीं, जिसके बाद दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो गई है. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की निंदा की है. इस बीच ईरान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वाशिंगटन इजरायल की जवाबी कार्रवाई का समर्थन करेगा तो वह अमेरिका के ठिकानों को भी निशाना बनाएगा. अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि उनका देश ईरान के साथ जंग नहीं चाहता है, लेकिन वह किसी भी हाल में इजरायल की रक्षा करेगा.
ईरान ने रविवार (14 अप्रैल) को इजरायल पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिसमें से अधिकांश हमले को उसने रोक दिया गया. यह हमला सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर इजरायल के कथित हवाई हमले का बदला लेने के उद्देश्य से किया गया.
इजरायल-ईरान जंग की 10 बड़ी बातें
- अमेरिका ने कहा कि मिडिल ईस्ट में उसकी सेनाओं ने दर्जनों मिसाइलों और यूएवी को रोका, जो ईरान, इराक, सीरिया और यमन से इज़राइल पर दागी गई थी. अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन ने वादा किया कि अमेरिकी सेना इजरायल को उसकी रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए हर हाल में मदद करेगी. उन्होंने कहा, "हम ईरान और सहयोगियों की ओर से किए गए इस हमले की निंदा करते हैं. हम ईरान से उसके प्रॉक्सी फोर्स सहित किसी भी अन्य हमले को तुरंत रोकने और तनाव कम करने का आह्वान करते हैं."
- इससे पहले 14 अप्रैल 2024 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने ईरान की ओर से इजरायल पर किए गए हमले की निंदा की. उन्होंने कहा, "15 अप्रैल 2024 को इसके लिए जी 7 के सदस्यों की बैठक बुलाई गई है. मैंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और उनके देश की सुरक्षा के लिए अमेरिका हरदम उनके साथ खड़ा रहेगा." उन्होंने कहा कि वह इजरायल की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते हैं.
- इस बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनके देश ने ईरान के हमले को नाकाम कर दिया. उन्होंने हमले को लेकर एक्स पर पोस्ट किया, "हमने रोका, हमने खदेड़ा, साथ मिलकर हम जीतेंगे." इजरायली टीवी चैनल के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि इजरायल इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा.
- इजरायल के सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने ईरान की कार्रवाई को बेहद गंभीर बताया. उन्होंने कहा कि ईरान ने मिडिल ईस्ट के क्षेत्र को तनाव की ओर धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि ईरान ने अन्य प्रोजेक्टाइल के बीच 10 क्रूज मिसाइलें लॉन्च कीं, जिन्हें देश की सीमाओं के बाहर ही निष्क्रिय कर दिया गया.
- इससे पहले ईरान ने कहा था कि यह हमला इजरायल के अपराधों की सजा है. इसमें कहा गया है कि अगर इजरायल एक और गलती करता है तो तेहरान (ईरान की राजधानी) और अधिक गंभीरता से जवाब देगा.
- यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, जापान, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ्रांस, मैक्सिको, नीदरलैंड और नॉर्वे ने ईरान के हमले की निंदा की.
- इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि ईरान ने 300 मिसाइलें दागीं, जिसमें से 99 फीसदी को रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सब कुछ करेगा.
- इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने समर्थन के लिए अमेरिका को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “यह अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है. हमें सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है." आईडीएफ प्रवक्ता ने कहा, "इस हमले में इजरायल की एक 7 वर्षीय बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई और एक एयरबेस को मामूली नुकसान हुआ है.
- ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिका को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है. उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया, "अमेरिकी सरकार को चेतावनी दी जाती है कि ईरान के हितों को नुकसान पहुंचाने में किसी भी समर्थन या भागीदारी पर हमारे सशस्त्र बलों की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा."
- भारत ने इस पूरे घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती दुश्मनी काफी चिंताजनक है, जिससे उस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है. हम तरंत तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं.
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