तेहरानः अमेरिका और ईरान के बीच तनाव अब और बढ़ गया है. आज सुबह ईरान ने इराक में अमेरिकी सैनिकों की टुकड़ियों पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइल से हमला किया है. अबरिल और अल असद सैन्य बेस पर ईरान ने मिसाइल से हमला बोला है. ये मिसाइलें सतह से सतह पर अटैक करती हैं. हमले के बाद ईरान ने अमेरिका और अमेरिकी सैनिक को जवाबी कार्रवाई न करने की चेतावनी भी दी है.
खुद अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि ईरान की ओर से मिसाइलों के जरिए सैनिकों के ट्रेनिंग बेस पर हमला किया गया है. ईरान की ओर से हुए हमले में फिलहाल कितने अमेरिकी सैनिक घायल हुए हैं, इसकी जानकारी नहीं है.
अमेरिका पर इस हमले के बाद ईरान के एक टीवी चैनल ने बताया कि यह हमला जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए किया गया है. बताया जा रहा है कि ईरान ने इराक में अमेरिकी सैनिकों की टुकड़ियों पर इसलिए हमला किया है, क्योंकि जनरल सुलेमानी को अमेरिका ने इराक में ही मारा था.
कासिम सुलेमानी की हत्या
बता दें कि अमेरिका ने ड्रोन हमले में ईरान के सेना प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी. इस ड्रोन हमले में कई अन्य सैनिक भी मारे गए थे. हमले के बाद सुलेमानी का शव क्षत-विक्षत हो गया था. उनकी पहचान अंगूठी के जरिए हुई थी. सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है.
कमांडर सुलेमानी के जनाजे में 40 की मौत
बता दें कि इससे पहले ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी का जनाजा मंगलवार निकला था. जनाजे में मची भगदड़ में 40 लोगों की मौत हो गई और 213 अन्य घायल हो गए थे. भगदड़ रिवॉल्यूशनरी गार्ड के जनरल सुलेमानी के गृह नगर करमान में मची है. सैन्य कमांडर शुक्रवार को इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे.
कमांडर कासिम सुलेमानी के जनाजे जुलूस में सोमवार को करीब 10 लाख लोग शामिल हुए थे. सुलेमानी की मौत के बाद पूरे पश्चिम एशिया में हालात तनावपूर्ण हैं और ईरान में अमेरिका से बदला लेने की मांग जोर पकड़ चुकी है.
लड़ाकू विमानों का सैन्य अभ्यास
इसबीच अमेरिकी वायुसेना ने उटा में 52 लड़ाकू विमानों के साथ सैन्य अभ्यास शुरु किया है. गौरतलब है कि अभ्यास शुरु होने के कुछ ही दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान में 52 जगहों को निशाना बनाने की धमकी दी थी.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने सुलेमानी की हत्या को सही ठहराया
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या करके अमेरिका ने 'सही किया है.' पोम्पिओ ने ट्रम्प के फैसले को पूरी तरह से कानूनी और तेहरान की दुर्भावनापूर्ण गतिविधि से पैदा खतरे से मुकाबला करने की अमेरिका की रणनीति के अनुरूप बताते हुए इसका बचाव किया है.
माइक पोम्पिओ ने विदेश मंत्रालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर ईरान के खिलाफ बदले की कार्रवाई की जरूरत पड़ी, तो अमेरिका युद्ध के अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करेगा.
अमेरिकी राजनयिकों की हत्या की साजिश रच रहे थे सुलेमानी- अमेरिकी एनएसए