Russia-Iran Sukhoi Deal: रूस ईरान को देगा सुखोई-35 लड़ाकू जेट विमान, मास्को ने तीन साल पहले किया था ऐलान
Russia-Iran: संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 2231 के तहत ईरान पर पारंपरिक हथियार खरीदने पर प्रतिबंध लगाया गया था. ये प्रतिबंध साल 2020 के अक्टूबर में खत्म हो चुका था.
Russia-Iran Relation: रूस (Russia) और ईरान (Iran) के बीच अच्छे संबंध है. इसी बीच ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान रूस से सुखोई-35 लड़ाकू जेट खरीदने वाला है. इसके संबंध में डील फाइनल हो चुकी है. हाल ही में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत हुए है. वहीं टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ईरान को लड़ाकू जेट देने के लिए तैयार है.
ईरान की आधिकारिक मीडिया IRNA के मुताबिक सुखोई Su-35 फाइटर जेट्स को तकनीकी रूप से ईरानी जेट एक्सपर्ट ने अप्रूव किया था. इसके बाद ईरान ने सुखोई Su-35 फाइटर जेट्स को खरीदने के डील को फाइनल किया. हालांकि, रूस की ओर से डील को लेकर अभी कोई पुष्टि नहीं की गई है.
हथियार खरीदने पर प्रतिबंध
संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 2231 के तहत ईरान पर पारंपरिक हथियार खरीदने पर प्रतिबंध लगाया गया था. ये प्रतिबंध साल 2020 के अक्टूबर में खत्म हो चुका था. इसके खत्म होने बाद रूस ने घोषणा की थी कि वो सुखोई Su-35 फाइटर जेट्स ईरान को बेचने के लिए तैयार है. इस बात की जानकारी IRNA समाचार एजेंसी के तरफ से शुक्रवार (10 मार्च) को देर रात जारी किए गए एक बयान में दिया गया. इस बयान में ये भी कहा गया कि सुखोई 35 लड़ाकू विमान तकनीकी रूप से ईरान को मंजूर थे. वहीं ईरान ने पिछले एक साल में सेना सहित विभिन्न क्षेत्रों में मास्को के साथ मजबूत संबंध भी बनाए हैं.
यूक्रेन ने ईरान पर आरोप लगाया
अल अरबिया न्यूज के रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में यूक्रेन ने ईरान पर आरोप लगाया था, क्योंकि यूक्रेन का कहना था कि रूसी हमले में इस्तेमाल किए जाने वाला ड्रोन ईरान का है. इस ड्रोन का नाम कामिकेज़ है. हालांकि, बाद में ईरान यूक्रेन के तरफ से लगाए आरोप को गलत बताया था. इसके अलावा अमेरिका ने दिसंबर में ईरान और रूस के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर चिंता व्यक्त की थी. उस दौरान पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने आशंका जताई थी कि रूस ईरान को अपने लड़ाकू जेट बेच सकता है.
इस साल की शुरुआत में आई खबरों के मुताबिक, ईरान ने रूस के 24 सबसे एडवांस्ड जेट विमानों के साथ-साथ अन्य सैन्य हार्डवेयर के लिए ऑर्डर दिया था, जिसमें एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल सिस्टम और हेलीकॉप्टर शामिल थे.अभी ईरान के पास ज्यादातर रूसी मिग और सुखोई लड़ाकू जेट हैं, जो सोवियत टाइम के है. इसके साथ ही एफ-7 सहित कुछ चीनी विमान भी हैं. वहीं 1979 की इस्लामिक क्रांति से पहले अमेरिकी F-4 और F-5 फाइटर जेट भी ईरान बेड़े का हिस्सा है.
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