Iran-Pakistan Gas Pipeline Project: आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्‍तान (Pakistan) पर अरबों डॉलर का जुर्माना लग सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि दो देशों ईरान-पाकिस्तान के बीच की गैस पाइपलाइन परियोजना समय पर पूरी नहीं होती दिख रही, अमेरिका (USA) ने इसकी मंजूरी नहीं दी है.


पाकिस्‍तान की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (लोक लेखा समिति) ने ये आशंका व्‍यक्‍त की है कि अगर पाकिस्तान ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ा तो पाकिस्तान को 18 अरब डॉलर का जुर्माना देना होगा. 'द डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान और पाकिस्तान की इस परियोजना में अमेरिका बाधा है, इसलिए पब्लिक अकाउंट्स कमेटी के चेयरमैन नूर आलम खान ने कहा है कि अगर अमेरिका पाइपलाइन सौदे को रोकना जारी रखता है तो उसे जुर्माना देना चाहिए.




'अमेरिका जल्द परियोजना को मंजूरी दे'
नूर आलम ने कहा, 'अमेरिका को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में भारत के साथ उदार होने के डबल स्‍टैंडर्ड से दूर रहना चाहिए, जो कि पाकिस्तान को दंडित करने की मंशा रखता है.' नूर ने कहा कि अगर अमेरिका पाकिस्तान और ईरान को गैस पाइपलाइन परियोजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी नहीं देता है तो उसे जुर्माना भरना चाहिए. यह अवलोकन विदेश मंत्रालय (MoFA) द्वारा एक पत्र के माध्यम से पब्लिक अकाउंट्स कमेटी को यह सूचित करने के बाद आया है कि वाशिंगटन से लौटने के बाद अमेरिकी राजदूत के साथ एक बैठक की जाएगी.


पाक विदेश मंत्रालय ने दिया यह बयान
पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "उभरती क्षेत्रीय स्थिति में ईरान-पाकिस्तान (IP) गैस पाइपलाइन परियोजना के महत्व को देखते हुए, मंत्रालय सभी संभावित विकल्पों की तलाश कर रहा है, जिसमें ईरान और अमेरीका जैसे संबंधित पक्षों के साथ घनिष्ठ जुड़ाव और सार्थक आदान-प्रदान शामिल है."


विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में पेट्रोलियम डिवीजन की एक टेक्निकल टीम ने ईरान-पाकिस्तान गैस परियोजना के साथ आगे बढ़ने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करने के लिए जनवरी में तेहरान का दौरा किया था. वहीं, अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने सभी हितधारकों की अंतर-मंत्रालयी बैठकें की हैं और परियोजना पर आगे बढ़ने के लिए एक कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की है.


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