Iran Pakistan Gas Pipeline Issue: पाकिस्तान इन दिनों एक साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर जहां आर्थिक संकट के कारण पाकिस्तान में लोग सड़क पर उतरे हैं तो दूसरी तरफ ईरान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है. ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट में देरी के लिए को लेकर ईरान ने पाकिस्तान को अंतिम चेतावनी दी है कि वह सीमा पर गैस पाइपलाइन के अपने हिस्से का काम पूरा करे, नहीं तो उसे अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का जोखिम उठाने के साथ-साथ अरबों डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है.


ईरान-पाकिस्तान के बीच 2010 में हुई थी डील


अमेरिका ने लंबे समय से ईरान पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिसका असर इस डील पर पड़ा है. ईरान-पाकिस्तान के बीच इस प्रोजेक्ट की डील पर साल 2010 हस्ताक्षर हुए थे, जिसके तहत यह तय हुआ था कि ईरान रोज 75 से लेकर 100 करोड़ फीट नेचुरल गैस पाकिस्तान को सप्लाई करेगा. इसके लिए पाइपलाइन बिछाने की डेडलाइन 2014 तय की गई थी. दोनों देशों के बीच ये डील 25 सालों के लिए हुई थी.


ईरान ने कहा है कि उसने पाइपलाइन के 1,150 किलोमीटर लंबे हिस्से के निर्माण में 2 अरब डॉलर का निवेश किया है, जिसका उद्घाटन 2013 में हुआ था. पाकिस्तान के लिए मौजूदा स्थिति आगे कुआं और पीछे खाई जैसे बन गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ईरान के साथ व्यापार करने के मुद्दे पर अमेरिका की नाराजगी से बचना भी चाहता है और ये भी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में भारी जुर्माना न लगे इसका रास्ता भी खोज रहा है. यदि पाकिस्तान को जुर्माना भरना पड़ा तो उसकी हालत और बद से बदतर हो जाएगी.


अमेरिका ने बढ़ाई पाकिस्तान की टेंशन


दूसरी ओर अमेरिका अपने निर्णय पर अडिग है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वे ईरान पर लगे प्रतिबंध को जारी रखेंगे. ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मिलर ने कहा, "हम ईरान के साथ व्यापारिक सौदे पर विचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को सलाह देते हैं कि वे उन सौदों के संभावित परिणामों के बारे में जागरूक रहें."


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