एक्सप्लोरर

एक कंस्ट्रक्शन वर्कर रहे सुलेमानी ने कैसे कुद्स फोर्स को बनाया शक्तिशाली, जानिए ईरान की इस फोर्स की ताकत

ईरान की रेवोल्यूशनरी फोर्स के पास एक लाख 90 हजार से ज्यादा सक्रिय सैनिक हैं. ईरान दुनिया का अकेला ऐसा मुल्क है जहां दो सेनाएं समानांतर काम करती हैं. रेवोल्यूशनरी फोर्स में से एक यूनिट को मुल्क के बाहर ईरान के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदरी मिली. इसे कुद्स फोर्स के नाम से जाना गया.

नई दिल्ली: अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ईरान के मिसाइल अटैक के बाद से दुनिया युद्ध की आशंका से घिरी हुई थी. युद्ध के खतरों पर चर्चा हो रही थी. लेकिन कल रात जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए तो उससे ऐसा लगा कि अमेरिका ईरान पर कोई जवाबी कार्रवाई करने नहीं जा रहा है. दुनिया ने सुकून की सांस ली लेकिन गुरुवार को जब नींद खुली तो खबर आई कि ईरान ने एक बार फिर अमेरिकी दूतावास पर निशाना साधा है. अमेरिकी ठिकानों पर निशाना साधने वाली फोर्स कोई और नहीं बल्कि ईरान की वो ही कुद्स फोर्स है जिसके मुखिया कासिम सुलेमानी थे.

क्या है कुद्स फोर्स और उसकी ताकत

साल 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई थी. ये वो क्रांति थी जिसने ईरान की सत्ता, उसका भविष्य और दुनिया में उसके दोस्त और दुश्मन सब बदलकर रख दिए थे. ईरान के शाह को देश छोड़कर जाना पड़ा और अयातोल्लाह ख़मेनेई ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता बने. ये ही वो वक्त था जब इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स फोर्स की नींव पड़ी जिसे देश के इस्लामिक सिस्टम की सुरक्षा के लिए बनाया गया था.

...जब ईरान में घुसा सद्दाम हुसैन

तब से लेकर अब तक ईरान रेवोल्यूशनरी फोर्स देश की बड़ी सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक ताकत के तौर पर उभरी. रेवोल्यूशनरी फोर्स सिर्फ सैन्य ताकत तक सीमित नहीं है उसका दखल राजनीति और ईरान की अर्थव्यवस्था में भी है. रेवोल्यूशनरी फोर्स शुरुआत में डोमेस्टिक फोर्स के तौर पर काम कर रही थी लेकिन इसका दायरा 1980 में अचानक बढ़ा जब इराक का तानाशाह सद्दाम हुसैन ईरान में घुसा. उस वक्त अयोताल्लाह खमेनेई ने रेवोल्यूशनरी फोर्स को अपनी अलग सेना, नौसेना और नेवी की ताकत दी.

कुद्स फोर्स के पास एक लाख 90 हजार से ज्यादा सक्रिय सैनिक

ईरान की रेवोल्यूशनरी फोर्स के पास एक लाख 90 हजार से ज्यादा सक्रिय सैनिक हैं. जबकि ईरान की आर्मी के पास साढ़े तीन लाख सैनिक हैं. ईरान अकेला ऐसा देश है जिसके पास सामान्तर दो सेनाएं काम करती हैं. ऐसा करने के लिए ईरान ने बाकायदा अपने संविधान में बदलाव किया था जिसके मुताबिक ईरान की आर्मी को सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली और रेवोल्यूशनरी फोर्स के हिस्से इस्लामिक सिस्टम की सुरक्षा की जिम्मेदारी आई.

ईरान की रेवोल्यूनऱी फोर्स में से एक यूनिट को देश के बाहर ईरान के हितों की सुरक्षा का जिम्मा मिला और इसे कुद्स फोर्स के नाम से जाना गया. लेकिन कुद्स फोर्स को इतना शक्तिशाली बनाने के पीछे मेजर जनरल कासिम सुलेमानी का दिमाग था.

1978 तक ईरान में एक कंस्ट्रक्शन वर्कर के तौर पर काम करते थे सुलेमानी

कासिम सुलेमानी इस्लामिक क्रांति से पहले अपने परिवार का पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहे थे. सुलेमानी का जन्म 1957 में एक गरीब परिवार में हुआ था और वो 13 साल की उम्र से अपने परिवार का पेट पालने में लग गए थे. उनकी पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पाई थी. कासिम सुलेमानी 1978 तक ईरान में एक कंस्ट्रक्शन वर्कर के तौर पर काम किया करते थे लेकिन 1979 की क्रांति ने ईरान के साथ साथ कासिम सुलेमानी की किस्मत भी बदल दी. करीब 22 साल के सुलेमानी 1979 की क्रांति के बाद ईरान की रेवोल्यूशनरी गार्ड का हिस्सा बने.

1979 में ईरान की सेना में शामिल हुए थे कासिम सुलेमानी

फॉरेन पॉलिसी पत्रिका के मुताबिक सुलेमानी 1979 में ईरान की सेना में शामिल हुए. सिर्फ 6 हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद पश्चिम अजरबैजान के एक संघर्ष में शामिल हुए थे. ईरान-इराक युद्ध के दौरान इराक की सीमाओं पर अपने नेतृत्व की वजह से सुलेमानी ईरान के हीरो की तरह उभरे. देखते-देखते कासिम सुलेमानी ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह ख़मेनेई बेहद करीब आ गए.

कासिम सुलेमानी के नेतृत्व में कुद्स फोर्स विदेशी धरती पर भी धाक जमाने लगी थी. सुलेमानी दुनिया के कोने-कोने में ईरान के दुश्मनों को मिटा देने के लिए जाने जाने लगे थे. खेमेनेई से करीबी की वजह ये थी कि कासिम सुलेमानी ईरान का वो सुरक्षा कवच बन गए थे जो ईरान की तरफ उठने वाली ताकतों को मिटाने के लिए हर हद जाने को तैयार रहते थे.

रेवोल्यूशनरी फोर्स का मतलब आखिर क्या है?

खमेनेई के एक बार कहा था कि इस्लामिक रिवॉल्यूशन गॉर्ड्स सेना आज ईरान की एक असाधारण संस्था है. दुश्मन का जब राजनीतिक तौर पर सामना करने का समय आता है तब ये सबसे आगे होती है. दुश्मन से जब तर्क से, ताकत से और शक्ति से निपटने का समय आता है तब ये सबसे आगे होती है. ये दुश्मन जब हमारी सरहद को पार कर सड़कों और शहरों में घुसने की कोशिश करता है तब ये सबसे आगे होती है. ये दुश्मन जब हमसे हजारों किलोमीटर दूर भी हों तब भी ये सबसे आगे होती है.

खमेनेई ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सीरिया से लेकर इऱाक तक और लेबनान से लेकर पश्चिम एशिया के तमाम कोनों में सुलेमानी की कुद्स फोर्स की ताकत का डंका बजता था. सीरिया में बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह से निपटने में सुलेमानी की कुद्स फोर्स ने मदद की थी. इराक में आंतकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट को खदेड़ने में कुद्स फोर्स ने अहम भूमिका निभाई थी.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'छोटा पोपट, कांग्रेस करेगा चौपट', बीजेपी नेता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के लिए क्यों कही ये बात?
'छोटा पोपट, कांग्रेस करेगा चौपट', बीजेपी नेता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के लिए क्यों कही ये बात?
यूपी उपचुनाव: ओवैसी का दावा- 'भारत में बैठकर ट्रंप को जीता दिया', सीएम योगी को दी खुली चुनौती
ओवैसी का दावा- 'भारत में बैठकर ट्रंप को जीता दिया', सीएम योगी को दी खुली चुनौती
Pakistan Head Coach: चैंपियंस ट्रॉफी विवाद के बीच पाकिस्तान को मिला नया कोच, चार महीने बाद फिर होगा फैसला
चैंपियंस ट्रॉफी विवाद के बीच पाकिस्तान को मिला नया कोच, चार महीने बाद फिर होगा फैसला
जब दिल्ली के दमघोटू पॉल्यूशन पर स्टार्स ने उठाए थे सवाल, प्रियंका चोपड़ा से अर्जुन रामपाल ने कही थी ये तीखी बात
प्रियंका से अर्जुन तक, जब दिल्ली के पॉल्यूशन पर इन स्टार्स ने
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election 2024: आचार संहिता का उल्लंघन, नेताओं की विवादित बयानों पर कार्रवाई कब?Supreme Court on Pollution: प्रदूषण पर Supreme Court की फटकार, अब क्या करेगी दिल्ली सरकार? | AAPJharkhand में योगी ने फिर दोहराया बंटेंगे तो कंटेंगे वाला नारा, Owaisi ने उठाया बड़ा सवाल | BreakingMaharashtra: 'असली गद्दार उद्धव ठाकरे हैं', राज ठाकरे के बयान से गरमाई सियासत! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'छोटा पोपट, कांग्रेस करेगा चौपट', बीजेपी नेता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के लिए क्यों कही ये बात?
'छोटा पोपट, कांग्रेस करेगा चौपट', बीजेपी नेता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के लिए क्यों कही ये बात?
यूपी उपचुनाव: ओवैसी का दावा- 'भारत में बैठकर ट्रंप को जीता दिया', सीएम योगी को दी खुली चुनौती
ओवैसी का दावा- 'भारत में बैठकर ट्रंप को जीता दिया', सीएम योगी को दी खुली चुनौती
Pakistan Head Coach: चैंपियंस ट्रॉफी विवाद के बीच पाकिस्तान को मिला नया कोच, चार महीने बाद फिर होगा फैसला
चैंपियंस ट्रॉफी विवाद के बीच पाकिस्तान को मिला नया कोच, चार महीने बाद फिर होगा फैसला
जब दिल्ली के दमघोटू पॉल्यूशन पर स्टार्स ने उठाए थे सवाल, प्रियंका चोपड़ा से अर्जुन रामपाल ने कही थी ये तीखी बात
प्रियंका से अर्जुन तक, जब दिल्ली के पॉल्यूशन पर इन स्टार्स ने
कोच्चि के CBSE स्कूलों ने मार्क्स या ग्रेड की जगह इमोजी को अपनाया, जानिए इसके पीछे की क्या है वजह?
कोच्चि के CBSE स्कूलों ने मार्क्स या ग्रेड की जगह इमोजी को अपनाया, जानिए इसके पीछे की क्या है वजह?
UP Bypoll 2024: 'वो मुसलमानों से कहेंगे दरी बिछाओ', यूपी उपचुनाव से पहले ओवैसी ने साधा अखिलेश पर निशाना
'वो मुसलमानों से कहेंगे दरी बिछाओ', यूपी उपचुनाव से पहले ओवैसी ने साधा अखिलेश पर निशाना
138 से 10 रुपये पर आ गया ये शेयर, जमकर खरीद रहे लोग, लगा अपर सर्किट
138 से 10 रुपये पर आ गया ये शेयर, जमकर खरीद रहे लोग, लगा अपर सर्किट
प्रेग्नेंसी के दौरान जरूर खाएं यह चीज, बच्चे में कम हो जाता है इस खौफनाक बीमारी का खतरा
प्रेग्नेंसी के दौरान जरूर खाएं यह चीज, बच्चे में कम हो जाता है इस खौफनाक बीमारी का खतरा
Embed widget