Iran Execution Law: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने ईरान की जमकर आलोचना की है. UN मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने मंगलवार (7 जनवरी 2025) को बताया कि पिछले साल ईरान में 900 से अधिक लोगों को फांसी की सजा दी गई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ दिसंबर के एक सप्ताह के भीतर 40 लोगों को सजा के नाम पर मौत के घाट उतार दिया गया.


वोल्कर तुर्क ने कहा, "यह अत्यंत परेशान करने वाली बात है कि हम एक बार फिर ईरान में मृत्युदंड पाने वाले लोगों की संख्या में साल-दर-साल वृद्धि देख रहे हैं. अब समय आ गया है कि ईरान को मृत्युदंड की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकना चाहिए."


क्यों दी जा रही इतनी सजाएं?


ईरान में हत्या, नशीले पदार्थों की तस्करी, बलात्कार और यौन उत्पीड़न जैसे बड़े अपराधों के लिए मौत की सजा दी जाती है. एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित मानवाधिकार समूहों के अनुसार, इस्लामी गणराज्य चीन को छोड़कर किसी भी अन्य देश की तुलना में प्रति वर्ष अधिक लोगों को मृत्युदंड देता है, जिसके लिए कोई विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.


सजा की आड़ में खामेनेई विरोधियों को उतार रहे मौत के घाट?


ईरान में फांसी की बढ़ती घटनाओं को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता चिंतित हैं. उनका मानना है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के अधिकारी मौत की सजा को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. आरोप है कि 2022-2023 के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद अधिकारियों ने विरोधियों और आलोचकों को भी मौत की सजा दे दी. 


संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि पिछले बरस की अधिकांश फांसी नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए दी गई थी, लेकिन उसने कहा कि "ओलोचकों और 2022 के विरोध प्रदर्शन से जुड़े लोगों को भी मार दिया गया."


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