Iran Hijab Protest: प्रदर्शनकारियों के आगे झुकी ईरान की सरकार, हिजाब को लेकर दशकों पुराने कानून में होगा बदलाव
Iran Hijab Row: तकरीबन दो महीने से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच ईरान की सरकार ने हिजाब की अनिवार्यता से जुड़े दशकों पुराने कानून की समीक्षा करने के संकेत दिए हैं.
Iran Hijab Law: इस्लामिक मुल्क ईरान में हिजाब के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है. सरकार प्रदर्शनकारियों की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग करने में लगी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की पुलिस ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया है. हालांकि, इसके बाद भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है. आखिरकार प्रदर्शनकारियों के सामने सरकार झुकती हुई नजर आ रही है.
तकरीबन दो महीने से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच ईरान की सरकार ने हिजाब की अनिवार्यता से जुड़े दशकों पुराने कानून की समीक्षा करने के संकेत दिए हैं. इस कानून के तहत ही ईरान में महिलाओं को अपना सिर ढंकना होता है. इसी कानून के तहत 22 वर्षीय महसा अमीनी को गिरफ्तार किया गया था. 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में ही महसा की मौत हो गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस कस्टडी में उसे काफी टॉर्चर किया गया था.
हिजाब कानून में होगा बदलाव!
समाचार एजेंसी एएफपी ने ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाजेरी के हवाले से कहा कि ईरान की सरकार ने अब हिजाब की अनिवार्यता से जुड़े दशकों पुराने कानून में बदलाव करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि संसद और न्यायपालिका दोनों इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं. दोनों देखेंगे कि क्या कानून में किसी बदलाव की जरूरत है? वहीं ISNA समाचार एजेंसी ने कहा कि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि दोनों निकायों (संसद और न्यायपालिका) की ओर से कानून में क्या संशोधन किया जा सकता है?
राष्ट्रपति रायसी ने भी दिए संकेत
ईरान के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एक या दो सप्ताह में परिणाम देखने को मिलेंगे. उन्होंने बताया कि बुधवार (30 नवंबर) को समीक्षा दल ने संसद के सांस्कृतिक आयोग से मुलाकात की है. उधर राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने भी कानून में संशोधन के संकेत दिए हैं. राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने एक टीवी चैनल पर कहा कि ईरान की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत है लेकिन संविधान को अच्छे से लागू करने के तरीके लचीले हो सकते हैं, उनका इस्तेमाल किया जाएगा.
1983 से पहले अनिवार्य नहीं था हिजाब
बता दें कि एक वक्त था जब पश्चिमी देशों की तरह ईरान में भी महिलाएं खुलेपन के माहौल में जीती थीं लेकिन 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद सबकुछ बदल गया. इस्लामिक क्रांति ने अमेरिका समर्थित राजशाही शासन को उखाड़ फेंका और अयातुल्लाह खोमैनी ने गद्दी संभाली. अयातुल्लाह ने सबसे पहले शरिया कानून को लागू किया. अप्रैल 1983 में ईरान में सभी महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य हो गया. अब मुल्क में 9 साल से ऊपर की हर महिला को हिजाब पहनना अनिवार्य है. टूरिस्ट को भी इस नियम का पालन करना होता है.