Iran Saudi Arabia Relations: बरसों की दुश्मनी भुलाकर अब दोस्त बन रहे ईरान-सऊदी अरब, दोनों के विदेश मंत्रियों ने लिया ये संकल्प
Iran-Saudi Arabia Conflict: सऊदी अरब और ईरान को एक-दूसरे के उलट विचारधारा वाले मुल्क माना जाता है. 7 साल पहले इन्होंने राजयनियक संबंध तोड़ लिए थे. अब दोनों के बीच संबंध बहाल हो रहे हैं.
Iran Saudi Arabia News: पश्चिमी एशियाई देश ईरान (Iran) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) अब अपने आपसी संबंधों को बहाल कर रहे हैं. बरसों की दुश्मनी भुलाकर दोनों एक-दूजे के यहां दूतावास खोलने जा रहे हैं और कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के लिए दोनों देशों का दृढ़ संकल्प संबंधों को सामान्य करने की दिशा में अब तक उठाए गए उपायों और कदमों से स्पष्ट है.
ईरान के विदेश मंत्रालय की ओर बताया गया है कि ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान और उनके सऊदी समकक्ष प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने फोन पर बातचीत की है और उस बातचीत में दोनों ने मार्च में चीन की ओर कराए गए समझौते के कार्यान्वयन की दिशा में प्रगति पर चर्चा की है.
एक-दूजे को भरपूर सहयोग करेंगे: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, ईरान ने सऊदी की राजधानी रियाद और बंदरगाह शहर जेद्दा में अपने दूतावास और वाणिज्य दूतावास के आधिकारिक उद्घाटन के लिए आवश्यक उपायों को लागू किया है.
ईरानी और सऊदी विदेश मंत्रियों ने कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के लिए दोनों देशों का दृढ़ संकल्प संबंधों को सामान्य करने की दिशा में अब तक उठाए गए उपायों और कदमों से स्पष्ट है. खबर है कि ईरानी विदेश मंत्री ने संबंधों को सामान्य करने की दिशा में दोनों पक्षों द्वारा प्राप्त प्रगति की समीक्षा की, जिसमें कहा गया कि वे एक-दूजे को भरपूर सहयोग करेंगे.
दोनों ने 2016 में तोड़ लिए गए थे राजनयिक संबंध
बता दें कि सऊदी और ईरान के राजनियक रिश्ते वर्ष 2016 में टूट गए थे. दरअसल, सऊदी अरब में एक प्रमुख शिया मुस्लिम धर्मगुरु शेख निम्र अल-निम्र को तब मार डाला गया था, जिसे आतंकवाद से संबंधित अपराधों का दोषी ठहराया गया था. इससे ईरान के लोग भड़क गए थे और शिया मुस्लिम धर्मगुरु के मारे जाने के खफा होकर उन्होंने तेहरान स्थित सउूदी दूतावास पर धावा बोल दिया था. इसके बाद रियाद ने तेहरान से नाता तोड़ लिया था.
तब से, दोनों मुल्कों ने एक छद्म युद्ध लड़ा, जिसने कई पड़ोसी देशों को उलझा दिया. सऊदी अरब ने अपना रक्षा बजट बहुत बढ़ा लिया. वहीं, ईरान परमाणु हथियार बनाने में जुट गया. इससे क्षेत्र में युद्ध के हालात बन गए थे. सऊदी और ईरान में आपसी टकराव की एक वजह ईरान का शिया बहुल मुल्क होना और सउदी का सुन्नी बहुल होना भी रही है. मुस्लिमों में शिया और सुन्नी 2 प्रमुख पंथ होते हैं और वे अपने-अपने के पक्का मुसलमान बताते हैं.
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