Iran Saudi Arabia News: पश्चिमी एशियाई देश ईरान (Iran) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) अपने आपसी संबंधों को बहाल करने जा रहे हैं. दोनों के बीच चीन (China) की मध्यस्थता में समझौता हुआ है, जिसके अनुसार वे एक-दूजे को सहयोग करने को तैयार हो गए हैं.


सऊदी अरब और ईरान के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने शुक्रवार (10 मार्च) को घोषणा की कि वे अपने दूतावासों को फिर से खोलने की योजना बना रहे हैं. वेस्‍टर्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसा 7 साल बाद हुआ है, जबकि ये दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने पर सहमत हुए हैं. शुक्रवार को सऊदी अरब और ईरान के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि रियाद और तेहरान चीन की मध्यस्थता वाले एक समझौते में अपने दूतावासों को फिर से खोलने की योजना बना रहे हैं.


अरब मुल्‍कों के रिश्‍तों में जमी बर्फ बीजिंग में पिघली
ईरानी मीडिया के अनुसार, ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख अली शामखानी, सऊदी अरब के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सलाहकार मोसाद बिन मोहम्मद अल-ऐबन और चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी के बीच बीजिंग में 6 मार्च से वार्ता चल रही थी. ईरानी मीडिया द्वारा प्रसारित समझौते के समारोह के वीडियो में अधिकारियों को सऊदी अरब, ईरानी और चीनी झंडों के चारों ओर विपरीत दिशा में टेबल के चारों ओर बैठे दिखाया गया है.


चीनी राजनयिक बोले- नया अध्‍याय शुरू हुआ 
चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी ने एक बयान में कहा, “इस बीजिंग डायलॉग ने सऊदी-ईरानी संबंधों का एक नया अध्‍याय शुरू कर दिया है. दोनों पक्षों ने संबंध सुधारने की इच्छा दिखाई है और अहम मुद्दों पर आम सहमति पर पहुंचे हैं.'' उन्होंने कहा कि ईरान और सऊदी अरब दो महीने के भीतर दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमत हुए हैं.


'एक-दूजे की संप्रभुता का करेंगे सम्‍मान' 
ईरान और सऊदी अरब के संयुक्त बयान में कहा गया, 'इस फैसले को लागू करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्री एक-दूसरे से मिलेंगे और राजदूतों के आदान-प्रदान के लिए जरूरी इंतजाम करेंगे.' डायलॉग में शामिल वरिष्‍ठ नेताओं ने कहा, "दोनों पक्ष एक दूसरे के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप और संप्रभुता का सम्मान करने के लिए सहमत हैं."


2016 में रियाद ने तोड़ दिया था संबंध
बता दें कि रियाद और तेहरान के बीच तनाव 2016 में चरम पर पहुंच गया था. उस वक्‍त ईरानी प्रदर्शनकारियों ने सऊदी अरब में एक शिया धर्मगुरु को फांसी दिए जाने के बाद ईरानी राजधानी में सऊदी दूतावास पर धावा बोल दिया था. जिसके बाद रियाद ने तेहरान से नाता तोड़ लिया था. तब से, दोनों मुल्‍कों ने एक छद्म युद्ध लड़ा है, जिसने कई पड़ोसी देशों को उलझा दिया. सऊदी अरब ने अपना रक्षा बजट बहुत बढ़ा लिया. वहीं, ईरान परमाणु हथियार बनाने में जुट गया. इससे क्षेत्र में युद्ध के हालात पनप गए थे. 


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