Saudi Arabia Iran Relations: दुनिया के दो बड़े इस्लामिक मुल्क ईरान (Iran) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) अपनी बरसों की दुश्‍मनी को भुलाकर अपने राजनयिक रिश्तों को अब बहाल कर रहे हैं. सऊदी किंग सलमान ने कुछ ही दिनों पहले ईरानी राष्ट्रपति को अपने यहां आने का बुलावा भेजा था, जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार कर लिया. अब ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के रियाद पहुंचने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. दोनों देशों के शीर्ष नेता जल्‍द ही एक-दूजे के हाथों में हाथ थामे नजर आ सकते हैं.


बता दिया जाए कि 2016 में ईरान और सऊदी अरब ने अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे. दोनों के बीच तनाव इतना बढ़ गया था कि खाड़ी-क्षेत्र में युद्ध के बादल मंडराने लगे थे. सऊदी को सुरक्षा का वादा कर अमेरिका ने अपनी फौज अरब प्रायद्वीप भेज दी थी, क्‍योंकि सऊदी को यह डर सताने लगा था कि ईरान परमाणु हमला कर सकता है. सऊदी-ईरान में दुश्‍मनी की एक वजह इन मुल्‍कों में शिया-सुन्‍नी मुसलमानों की मेजॉरिटी होना है. ये दोनों समुदाय खुद को एक-दूजे से ऊपर मानते हैं. ईरान में शिया मुसलमानों की मेजॉरिटी है.




7 साल बाद चीन ने कराई दोनों में सुलह 


7 साल बाद सऊदी-ईरान के बीच सुलह बीते दिनों 10 मार्च को तब हुई, जब इन दोनों देशों के प्रतिनिधि चीन की राजधानी बीजिंग में एक-दूजे से मिले और बातचीत की. उनकी बैठक के बाद चीन ने घोषणा कर दी कि अब ये दोनों इस्‍लामिक देश अपने राजनयिक रिश्तों को अब बहाल करेंगे. दोनों जल्‍द ही एक-दूजे के यहां अपने-अपने दूतावास खोलेंगे. उसके बाद 19 मार्च को, ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी ने बताया कि सऊदी सरकार चाहती है कि ईरानी राष्ट्रपति उनके यहां आएं.


'2 महीने के भीतर दूतावास फिर से खोलेंगे'


जमशेदी के मुताबिक, सऊदी के किंग सलमान ने ईरान के लिए भिजवाए गए निमंत्रण पत्र में कहा था कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की बहाली पर दो भाईचारे वाले मुल्‍कों के बीच समझौते का स्वागत किया है और अब जल्‍द से जल्‍द रियाद और तेहरान के बीच मजबूत आर्थिक और क्षेत्रीय सहयोग का आह्वान कर रहे हैं.


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