लेबनान में हेजबुल्लाह के मुखिया हसन नसरल्लाह को सुपुर्द-ए-खाक करने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने तेहरान की ग्रैंड मस्जिद में एक लंबी तकरीर की. इजरायल हमास जंग के करीब एक साल बीतने के बाद ये पहला मौका है, जब खमेनेई ने इतनी बड़ी तकरीर की है. इस तकरीर में हजारों की भीड़ के सामने अयातुल्लाह अली खामेनेई ने जो बातें बोली हैं, वो दुनिया के लिए बेहद डरावनी हैं. वजह सिर्फ ये है कि एक लाइन में खामेनेई ने ये साफ कर दिया है कि चाहे जो हो जाए, वो लेबनान के साथ हैं और जरूरत पड़ने पर वो इजरायल के खिलाफ और भी हमले करने को तैयार हैं. चलिए आपको बताते हैं अयातुल्लाह अली खामेनेई के भाषण की बड़ी बातें. 

1. जंग में झुलसेगा पूरा मिडिल ईस्ट
अयातुल्लाह अली खमेनेई ने जो कहा है, उससे लगता है कि अब ये जंग सिर्फ इजरायल बनाम ईरान, लेबनान, यमन और गाजा पट्टी की नहीं रहेगी बल्कि जंग और बढ़ेगी. क्योंकि खामेनई ने पूरे अरब देशों को एकजुट होने के लिए कहा है और अल्लाह का वास्ता देकर कहा है कि अब सभी मुस्लिम देशों को एक साथ लेबनान के साथ खड़े होना चाहिए. अगर मुस्लिम देश खामेनेई की बात मानते हैं तो जंग का दायरा इतना बड़ा होगा कि फिर उसे रोकना नामुमकिन हो जाएगा.


2. हमास को हमले के लिए उकसा रहा ईरान
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर जो हमला किया था और जिसके बाद ही ये पूरी जंग शुरू हुई थी, उस हमले को अयातुल्लाह अली खामेनेई ने जायज ठहराया है. इसका सीधा-सीधा मतलब है कि ईरान चाहता है कि हमास और भी हमले इजरायल पर करे ताकि इजरायल को चौतरफा घेरा जा सके.


3. इजरायल पर फिर हमला करेगा ईरान

खामेनेई ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वो इजरायल पर फिर से हमले करेगा. अब ये जरूरत का मतलब क्या है, ये भी ईरान ही तय करेगा. यानी कि ईरान जब चाहेगा इजरायल पर फिर से हमला करेगा ही करेगा.

 

4. मिडिल ईस्ट में जंग का सेंटर पॉइंट होगा लेबनान

अयातुल्लाह अली खामेनई की पूरी तकरीर में जिस देश का बार-बार जिक्र हुआ है, वो है लेबनान. यानी कि अभी तक मिडिल ईस्ट में इजरायल की लड़ाई का जो सेंटर पॉइंट फिलिस्तीन हुआ करता था, वो अब लेबनान होगा. अब जब दुनिया का बंटवारा होगा तो फिलिस्तीन समर्थक और इजरायल समर्थक के बीच न होकर इजरायल समर्थक और लेबनान समर्थक के बीच होगा.

 

कुल मिलाकर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने अपनी तकरीर के जरिए ईरान का इरादा साफ कर दिया है कि अब वो रुकने वाला नहीं है. और अपनी इस जंग में खामेनेई ने दुनिया भर के मुस्लिमों को अल्लाह के नाम पर एक साथ आने की जो वकालत की है, उन्होंने इस बात की आशंका बढ़ा दी है कि अगर ऐसा होता है तो फिर पूरा मध्य पूर्व और पूरा पश्चिम एशिया एक ऐसी जंग में फंस जाएगा, जिससे निकलना बेहद ही मुश्किल होगा.