Israel Hamas War: मिडिल ईस्ट में इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के हमले के बाद इजरायली सैन्य बलों की ओर से गाजा पट्टी के साथ ही लेबनान के आतंकी संगठनों पर भारी बमबारी तीसरे विश्वयुद्धों की दस्तक देने लगी है. इसकी वजह है कि दो मोर्चे पर युद्ध लड़ रहे इजरायल को ईरान अब तक चेतावनी दे रहा था और अब सीधे तौर पर जंग में कूदने की धमकी दे डाली है.
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इजरायल गाजा पर युद्ध अपराध को बंद नहीं करता है तो उसे कई मोर्चे पर युद्ध लड़ना होगा.
ईरान की अमेरिका को धमकी
इजरायल के लिए ढाल बनकर खड़े अमेरिका को भी जंग की आग में जलाने की धमकी ईरान ने दे दी है. दूसरी ओर इजरायल के साथ मजबूती से खड़े अमेरिकी सैन्य बलों के जवानों की तैनाती अरब सागर में बढ़ते ही जा रही है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पहले ही कह दिया है कि अगर ईरान या उसके समर्थक चरमपंथी संगठन किसी भी अमरीकी कर्मचारी पर हमला करते हैं तो अमेरिका अपने लोगों की रक्षा करना जानता है.
अमेरिका की चेतावनी
तीन दिनों पहले उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी रक्षा मंत्री ने यह बात कही थी और इस बात की भी चेतावनी दी थी कि अमेरिका ईरान से जंग नहीं चाहता, लेकिन इजरायल के करीब भेजे गए अमेरिकी विमानों और सैन्य जहाजों की तैनाती देखकर ईरान को संकेत समझा जाना चाहिए.
युद्धाभ्यास के जरिए ईरान ने दी चेतावनी
इस बीच शुक्रवार से ईरान ने 200 हेलिकॉप्टर के साथ युद्धाभ्यास शुरू किया है. ईरानी सेना के कमांडर अमिर चेसाक ने देश की सरकारी मीडिया से बातचीत में कहा कि ईरान के युद्धाभ्यास का मकसद दुश्मनों को चेतावनी देना है.
इसी तरह से ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने सीधे तौर पर अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इजरायल गाजा पर हमले को बंद नहीं करता है तो उसे कई मोर्चे पर युद्ध लड़ना होगा. इजरायल के समर्थक देशों को भी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि गाजा पर इजरायल के लगातार हमले की वजह से बढ़ने वाला युद्ध उस मोड़ पर पहुंच जाए, जहां से इसे रोक पाना मुश्किल हो जाएगा. उनका इशारा इजरायल के समर्थक और फिलिस्तीन ने समर्थक देशों के बीच युद्ध की ओर था.
पुतिन की भी भूमिका सुर्खियों में
इस बीच इजरायल और हमास की जंग में जहां एक तरफ अमेरिका इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है तो दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन गाजा पर इजरायली जवाबी कार्रवाई को तुरंत रोकने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने युद्ध रोकने को लेकर ईरान के रुख का भी समर्थन किया है जिसे लेकर सुर्खियां तेज हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो पड़ोसी यूक्रेन से जंग लड़ रहा रूस अपने सदियों पुराने दुश्मन अमेरिका को मिडल ईस्ट में उलझा देना चाहता है. अगर ऐसा होता है तो अमेरिका, ईरान इजरायल और हमास की जंग के बीच फंस कर ना केवल युद्ध में उलझेगा बल्कि उसे बड़े पैमाने पर अपने ही देश में विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है. ये यूक्रेन के फ्रंट पर रूस के लिए प्लस पॉइंट होगा.
यूक्रेन के फ्रंट सेहत अमेरिका को हटाना चाहता है रूस
बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध में भी अमेरिका रूस के खिलाफ यूक्रेन के साथ ढाल बनकर खड़ा है. अमेरिका ही नहीं बल्कि नाटो सैन्य संगठन के सभी देशों ने यूक्रेन की मदद की है. अब इजरायल हमास जंग में भी इजरायल के साथ एकजुटता जतायी है. ऐसे में अगर हमास के समर्थन में खाड़ी देशों के सैन्य बल एकजुट होकर इजरायल पर पलटवार करते हैं तो उसके बचाव में आए अमेरिका के युद्ध में कूदने की आशंका के साथ ही विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है.