Iran Police Station Attack: ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के एक पुलिस थाने पर आतंकी हमले को लेकर ईरान और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए हैं. इस हमले में 11 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई है. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश उल अदल ने ली है. इस संगठन की पैठ ईरान के दक्षिण-पूर्वी इलाके में हैं. हमले के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ईरान के साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ेगा. 


पाकिस्तान और दक्षिण-पूर्वी ईरान की सीमाएं एक दूसरे से सटी हैं. इस सीमा को चाक-चौबंद करने को लेकर लंबे समय से कोशिशें की जा रही है, हालांकि अब तक कोई प्रयास सफल नहीं हुआ है. 


पाकिस्तान को ईरान की दो टूक


इस हमले को लेकर ईरान ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है. आईआरएनए के मुताबिक, ईरान के गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी सरहदों के आसपास आतंकी संगठनों के ठिकानों पर अंकुश लगाएं. उन्होंने कहा, "शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि आतंकी सीमा पार पाकिस्तान से ईरान में दाखिल हुए थे."


पाकिस्तान का शांति 'ज्ञान'


ईरान के पुलिस थाने में हमले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, "आतंकवाद सिर्फ एक देश या प्रदेश पर प्रभाव नहीं डालता है बल्कि इसका प्रभाव दुनिया की शांति, सुरक्षा पर पड़ता है."


जैश उल अदल संगठन को 2012 में ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान में शुरू किया गया. ये संगठन ईरानी सैनिकों को निशाना बनाती है. हाल के सालों संगठन ने ईरानी सैनिकों पर हमले तेज कर दिए हैं. संगठन का दावा है कि ईरानी सैनिकों के साथ इसलिए लड़ रही है क्योंकि वह सुन्नी और बलोच लोगों का अधिकार वापस ले सके.  इस संगठन पर सीमा पार से हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, और सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में आतंक फैलाने का आरोप लगाया गया है. कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया है कि आतंकी संगठन जैश उल अदल का संबंध जैश ए मोहम्मद के साथ है.


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