Iraq Protest: शिया धर्मगुरु मुक़्तदा अल सदर के इस्तीफे के बाद बगदाद में भड़की हिंसा, 20 की मौत, 300 लोग घायल
शिया धर्मगुरु मुक़्तदा अल-सदर के राजनीति से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा के बाद राजधानी बगदाद में हिंसा भड़क उठी. बिगड़े हालातों को देखते हुए पूरे इराक में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
Violence in Baghdad: शिया धर्मगुरु मुक़्तदा अल सदर (Al-Sadar) के इस्तीफे के बाद इराक (Iraq) की राजधानी बगदाद (Baghdad) सोमवार को धधक उठी. यहां विरोध-प्रदर्शन किए जाने लगे और देखते ही देखते भारी हिंसा भड़क उठी. अल सदर के समर्थकों और सुरक्षाबल के जवानों के बीच हुई हिंसा में 20 लोगों की मौत होने की खबर है जबकि 300 लोग घायल हुए हैं. रातभर बगदाद के ग्रीन जोन में एरिया में रॉकेट दागे जाते रहे है.
बताया जा रहा है कि अल सदर के इराक में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा किए जाने के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसी दौरान ईरान समर्थक संगठनों ने भी हमला बोल दिया जिसके बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पूरे इराक में कर्फ्यू लगाना पड़ा है और पूरे शहर के चप्पे-चप्पे पर सेना तैनात कर दी गई है.
बगदाद के राष्ट्रपति आवास और सरकारी भवनों पर भी रॉकेट दागे गए
बगदाद में अमेरिकी एंबेसी के पास इराकी कत्युषा रॉकेट दागे गए. बगदाद में लगतार धमाकों की आवाजें आ रही हैं. एक रॉकेट अमेरिका एंबेसी के पास गिरने की भी खबर है. हालात किस कदर बिगड़ गए इस बात का अंदाजा आप इस तरह लगा सकते हैं कि बगदाद के राष्ट्रपति आवास और सरकारी भवनों पर भी रॉकेट दागे गए हैं. बगदाद के सेंट्रल जोन इलाके में रॉकेट से हमला किए जाने की खबर है. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी बगदाद में राष्ट्रपति भवन में भी घुस आए.
दोनों गुटों के आतंकवादी भी आमने-सामने आ गए
इस दौरान दोनों गुटों के आतंकवादी भी आमने-सामने आ गए और इराकी शिया उग्रवादी संगठन के कमांडर अबू अजराएल, जिसे इराक का रैंबो भी कहा जाता है उसके घर पर इरान समर्थित आतंकवादी संगठन 'सराया अस-सलाम' का आतंकी फायरिंग करता दिखा. वहीं अल सदर समर्थित उग्रवादी गुट सराया अस-सलाम ने इरान समर्थित शिया उग्रवादी गुट अल-हक के बगदाद और बसरा मुख्यालय को भी फूंक दिया. जिसके बाद वहां से आग की ऊंची ऊची लपटें उठती दिखीं.
पूरा शहर हिंसा की चपेट में आया
सड़कों पर रातभर बख्तरबंद गाड़ियों पर तैनात जवान गश्त करते दिखे, मुक़्तदा अल सदर के समर्थक भी पीछे नहीं हटे. हालात ऐसे बन गए कि पूरा शहर ही हिंसा की चपेट में आ गया. इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने पूरे शहर को अपने कब्जे में ले लिया था और जगह-जगह आगजनी शुरू कर दी गई थी. रास्ते जाम कर वहां की संसद को भंग करने की मांग करने लगे थे. वहीं अल सदर के कुछ समर्थक राष्ट्रपति के अंदर बने स्विमिंग पुल में मस्ती करते हुए भी नजर आए.
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