बगदाद/नई दिल्ली: इराक के प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी ने कहा कि इस्लामिक स्टेट संगठन के आतंकियों द्वारा तीन साल पहले मोसूल पर किए गए हमले में फंसे 39 भारतीय मजदूरों के साथ क्या हुआ इसका अब तक पता नहीं चल सका है.

एक इंटरव्यू में अल-अबादी ने कहा कि स्थिति “फिलहाल जांच के दायरे में है. मैं आगे इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जुलाई में मजदूरों के रिश्तेदारों से कहा था कि हो सकता है उन्हें मोसूल के बादुश कारागार में बंद कर रखा गया हो. इराकी बलों ने आईएस से इस जेल का कब्जा फिर से अपने हाथों में ले लिया था.

किडनैप मजदूर इराक की एक निर्माण कंपनी में काम करते थे. 2014 में आईएस के इराक के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों पर कब्जा करने से पहले हजारों की संख्या में भारतीय मजदूर यहां रहते और काम करते थे. नौ महीने की भीषण लड़ाई के बाद जुलाई में इराकी बलों ने आईएस पर जीत हासिल कर मोसूल पर फिर से कब्जा कर लिया था.

क्या इराक में अगवा 39 भरातीय जिंदा हैं?

अंग्रेजी अखबार द संडे गार्जियन की खबर के मुताबिक पाकिस्तानी तालिबान ने अगवा भारतीयों के जिंदा होने का दावा किया है. तहरीक-ए-तालिबान के सूत्रों का कहना है कि पिछले रविवार उसकी दो बार आईएस आतंकियों से बात हुई जिसमें 39 भारतीयों के सुरक्षित और कब्जे में होने की बात कही गई.
इराक के मोसूल में जून महीने में ISIS के आतंकियों ने 40 भारतीयों को अगवा कर लिया था. एबीपी न्यूज ने कुर्दिस्तान के इरबिल में इन भारतीयों का सुराग देने वालों की खोजबीन की. इरबिल में दो बांग्लादेशी नागरिकों ने अगवा हुए 40 भारतीयों के बारे में सनसनीखेज खुलासे किए हैं. ये बांग्लादेशी नागरिक भी 40 भारतीयों के साथ बंधक बनाए गए थे लेकिन बाद में इन्हें छोड़ दिया गया था.

इराक में रह रहे बांग्लादेशियों ने भारतीय नागरिक हरजीत के हवाले से 39 भारतीयों के मारे जाने का दावा किया था. वहीं सरकार भारतीयों के जिंदा होने या मारे जाने की खबर से इनकार कर चुकी है.

देश की राजधानी दिल्ली से उत्तरी इराक का कुर्दिस्तान 3700 किलोमीटर दूर है. इराक के मोसूल से सिर्फ 88 किलोमीटर दूर कुर्दिस्तान की राजधानी इरबिल में एबीपी न्यूज पहुंचा. वो ही मोसुल जहां 10 जून को आतंकी संगठन ISIS ने कब्जा कर लिया था. सुन्नी चरमपंथी आतंकी संगठन ISIS जिसकी दहशतगर्दी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था.

बेरहमी से निर्दोषों को मौत के घाट उतारने वाले इसी आतंकी संगठन ISIS ने 40 भारतीय मजदूरों को अगवा किया था. 11 जून को अगवा किए गए 40 भारतीय मजदूरों का पिछले 165 दिनों से कोई अता-पता नहीं है. ज्यादातर मजदूर पंजाब के रहने वाले हैं. पंजाब से 3700 दूर रोजी की तलाश में मोसूल पहुंचे थे लेकिन आतंकवादियों के कब्जे में पहुंच गए.