Ireland Want Freedom from British Monarchy: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को सोमवार को सुपुर्दे खाक कर दिया गया. इसी के साथ ब्रिटिश राज के एक युग का अंत हो गया. उनके अंतिम संस्कार से जुड़ी खबर को लगभग पूरी दुनिया की मीडिया ने कवर किया. लेकिन दाह संस्कार के दौरान ही इंग्लैंड के पास स्थित आयरलैंड में एक ऐसी घटना हो रही थी जो ब्रिटिस साम्राज्य से ही जुड़ी थी, लेकिन तब मीडिया का ध्यान इस पर नहीं गया. अब एक दिन बाद जब यह सामने आया तो इस पर खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, यह घटना थी आयरलैंड से राजशाही के अंत से जुड़ी थी. आइए आपको विस्तार से बताते हैं क्या है पूरा मामला.


विरोध में ताबूत नदी में फेंका


रिपोर्ट के मुताबिक, 19 सितंबर 2022 यानी सोमवार को जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही थी, उसी दौरान आयरलैंड में राजशाही के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहा था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरआईपी ब्रिटिश सम्राज्य शब्द का इस्तेमाल करते हुए एक ताबूत को नदी में फेंक दिया. बताया जा रहा है कि यह प्रोटेस्ट एंटी इंपीरियलिस्ट एक्शन आयरलैंड द्वारा किया गया था. 










यूथ बड़ी संख्या में हुआ शामिल


प्रदर्शन को लेकर इस समूह ने ट्विटर पर एक पोस्ट भी किया है. इसमें लिखा है, ‘आज दोपहर, एंटी इंपीरियलिस्ट एक्शन ने बेरेसफोर्ड प्लेस में जेम्स कोनोली स्टैच्यू से विरोध मार्च शुरू किया. इस दौरान हमने RIP ब्रिटिश मोनार्क यानी ब्रिटिश साम्राज्य का अंत लिखा हुआ एक ताबूत नदी में फेंका. इस प्रोटेस्ट को युवाओं का भी भरपूर साथ मिला. लोगों ने नारा लगाया, राजशाही को खत्म करो और लोगों को असली लोकतंत्र दो.’  


राष्ट्रीय ध्वज को झुकाने का भी विरोध


मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने मार्च के दौरान “यू से ब्रिटिश किंग, वी से गिलोटिन” और “गेट द ब्रिट्स आउट नाउ!” के नारे भी लगाए थे. यही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने रानी के अंतिम संस्कार के दिन आयरिश ध्वज को आधा झुकाए रखने का भी विरोध किया. इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में जनरल पोस्ट ऑफिस की इमारत पर कब्जा करने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ब्रिटिश शाही परिवार ने आयरलैंड को दुख के अलावा और कुछ नहीं दिया है. पिछले हफ्ते पॉप ट्विन्स जेडवर्ड ने सोशल मीडिया पर महारानी के निधन के कुछ ही दिनों बाद राजशाही को समाप्त करने की बात कही थी. बता दें कि कई साल से आयरलैंड ब्रिटिश साम्राज्य के साये से बाहर निकलकर पूर तरह से लोकतांत्रिक देश होने की आवाज उठा रहा है.


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