Know About Mars Planet: जमाने के बदलने के साथ ही कई अनसुलझे रहस्य भी सुलझ रहे हैं. साइंस जैसे-जैसे तरक्की कर रही है, लोगों को उतनी ही चीजों को लेकर जानकारी मिलने में मदद हो रही है. इंसान अंतरिक्ष तक पहुंच गया और ब्रह्मांड के राज भी खुलने लगे हैं. इतना ही नहीं, साइंस ने धरती के अलावा भी जीवन की तलाश शुरू कर दी है. इसे लेकर दुनिया की नज़र सबसे ज्यादा लाल ग्रह यानी मंगल ग्रह पर है.
लोगों के मन में यह सबसे बड़ा सवाल है कि क्या मंगल ग्रह रहने लायक है. यह वही ग्रह है, जिस पर इंसान बस्तियां बसाने का सपना देख रहा है. अब मंगल ग्रह से एक हैरान करने वाली खबर भी सामने आई है. चलिए आपको बताते हैं आखिर वो हैरान करने वाली खबर क्या है और मंगल से जुड़ी कई अनोखी बातें.
मंगल ग्रह पर समंदर होने के सबूत
लाल ग्रह यानी मंगल ग्रह पर जहां जीवन के सबूत तलाशे जा रहे थे, वहां उम्मीदों का समंदर हाथ लगा है. ताजा साइंटफिक रिसर्च में पता चला है कि इस ग्रह पर किसी जमाने में एक समंदर हुआ करता था. वैज्ञानिकों ने मंगल पर 3.5 अरब साल पुरानी कोस्ट लाइन यानी तट रेखा की खोज की है, जिसकी तलछट की मोटाई करीब 900 मीटर थी और यह हजारों किमी के दायरे में फेला था.
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं बढ़ी
अमेरिका के पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर बेंजमिन कार्डिनास की इस खोज ने मंगल पर जीवन की संभावनाओं को पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ा दिया है. क्योंकि ताजा खोज साफ-साफ बता रही है कि मंगल ग्रह पर पानी, गर्मी और नमी, जीवन के लिए जरूरी तीनों ही चीजें हैं.
काफी ज्यादा थी समंदर की गहराई
मंगल ग्रह पर केवल समंदर के ही सबूत नहीं मिले. यहां कई नदी घाटियां भी थीं. पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर ने इस नतीजे तक पहुंचने के लिए नासा के मार्स और बिटर से मिले आंकड़े जमा किए. साथ ही यूएसजीएस सर्वे से उनको मिलाया. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मंगल वाले समंदर की गहराई काफी ज्यादा थी. इसलिए अगर जीवन के सबूतों की तलाश करनी है तो समंदर वाली तरफ सबसे बेहतर जगह होगी.
कैसे गायब हुई ग्रह से ये जरूरी चीजें
सवाल यह है कि जब मंगल ग्रह पर पानी, नमी, गर्मी सब था तो यह गायब कैसे हो गए. इसका कारण है क्लाइमेट चेंज. नासा का दावा है कि मौसम में हुए बड़े बदलाव के चलते मंगल ग्रह भी सूख गया है. इसके बाद यहां सिर्फ मिट्टी के टीले और पत्थर रह गए हैं.
आज कैसा है मंगल ग्रह?
जिस मंगल ग्रह पर आज जीवन बिताने के सपने देखे जा रहे हैं, वहां आज के समय में धूल भरी आंधी चलती है. वहां का पारा माइनस 63 डिग्री सेल्सियस के ऊपर कभी नहीं जाता है. ठंड में गिरकर यह माइनस 140 डिग्री पहुंच जाता है. ग्रेविटी की बात करें तो धरती के मुकाबले यहां किसी भी चीज के गिरने की रफ्तार काफी कम है. धरती पर अगर किसी आदमी का वजन 100 किलो है तो मंगल पर उसका वजन सिर्फ 37 किलो ही होगा. हालांकि, माना यह जाता है कि हमारे यूनिवर्स में अगर धरती के अलावा जीवन की सबसे ज्यादा उम्मीद है तो वह लाल ग्रह यानी मंगल पर ही है.
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