Covid -19: पूरी दुनिया को तबाह करने वाला Coivd-19 का अंत आ गया है? एक्सपर्ट्स कर रहे हैं ये दावा
Covid -19: भारत समेत पूरे विश्व में कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है. विशेषज्ञों कि मानें तो कोरोना महामारी का अंत भले ही हो जाए, लेकिन कोरोना हम लोगों के बीच ही लंबे समय तक रहेगा
Covid -19 At Last phase : जिस वायरस ने दो साल के अंदर पूरी दुनिया को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ा, जिसके चलते कई घर उजड़ गए , अनगिनत मौतें हुईं . क्या उस कोविड -19 वायरस का अंत होने वाला है ?क्या कोविड महामारी से प्रभावित हमारे जीवन का सबसे बुरा दौर बीत चुका है?इस सवाल का जवाब देते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि महामारी भले ही समाप्त हो गई है लेकिन कोविड हमारे बीच ही मौजूद रहेगा. भारत और दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले धीरे-धीरे लगातार कम हो रहे हैं.
बीमारी के इस वर्तमान स्वरूप में संक्रमण के मामले न तो तेजी से बढ़ रहे हैं और न ही एकदम से घट रहे हैं. अशोक विश्वविद्यालय में भौतिकी और जीव विज्ञान विभाग में प्रोफेसर गौतम मेनन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “इन मामलों का बेहद छोटा हिस्सा भी मौत को दावत दे सकता है. यह एक नयी परिस्थिति होगी जिसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए.”
हमेशा सतर्क नहीं रह सकते
महामारी की शुरुआत से ही संक्रमण के मामलों का अध्ययन कर रहे मेनन ने कहा, “दुनिया हमेशा स्थायी रूप से बेहद सतर्क रहने की स्थिति में नहीं चल सकती.” कोविड-19 को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किये जाने के दो साल से ज्यादा समय बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन अब यह कहने की स्थिति में है कि कोविड-19 महामारी का अंत नजदीक है या नहीं.
अंत की परिभाषा तय करनी होगी
मेनन ने कहा, “यह निश्चित ही एक संकेत है कि महामारी के एक बड़े दौर का अंत हो रहा है लेकिन हमें इस पर भी ध्यान देना होगा कि इस ‘अंत’ की व्याख्या हम कैसे करते हैं.”महामारी विशेषज्ञ रमनन लक्ष्मीनारायण ने इससे सहमति जताते हुए कहा कि जब तक लोग टीका लगवा रहे हैं कोविड का खतरा कम है इसलिए उन्हें महामारी को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, “टीकाकरण और जनसंख्या के बड़े हिस्से के प्रभावित होने के कारण अस्पताल पहुंचने और मौत का खतरा कम हुआ है.”
WHO ने क्या कहा
डब्ल्यूएचओ (WHO) के महानिदेशक टेडरोस आधानोम घेबरेसस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर बृहस्पतिवार को कहा कि, “हमने ढाई साल एक लंबी अंधेरी सुरंग में बिताए हैं और हम अब उस सुरंग के अंत में प्रकाश की महज एक किरण देखने में कामयाब हुए हैं.”उन्होंने कहा, “लेकिन अभी बहुत दूर जाना है और सुरंग अब भी अंधेरी है. यदि हमने सावधानी नहीं बरती तो आगे बहुत से रुकावटें हैं, जिनसे टकरा कर हम गलती कर सकते हैं.”टेडरोस ने पिछले सप्ताह एक प्रेस वार्ता में कहा कि महामारी के अंत को लेकर दुनिया अब बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि, “हम अभी वहां पहुंचे नहीं हैं लेकिन अंत नजदीक दिख रहा है.”
कब आए सबसे कम कोरोना के मामले
डब्ल्यूएचओ के कोरोना वायरस आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर को दुनियाभर में महामारी से 1,395 मरीजों की मौत हुई जो मार्च 2020 से अब तक हुई दैनिक मौतों की सबसे कम संख्या थी. उसी दिन संक्रमण के 4,28,321 नए मामले सामने आए थे जो अक्टूबर 2020 के बाद सामने आए मामलों में सबसे कम थे.
कब हुई थी सबसे ज्यादा मौतें
संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले (4,040,309), 26 जनवरी 2022 को सामने आए थे. कोविड से सबसे ज्यादा मौतें (20,005) 21 जुलाई 2021 को हुई थी. भारत में सबसे अधिक मामले सात मई 2021 को सामने आए थे ,जब 4,14,188 संक्रमितों का पता चला था. इसके अलावा 21 जून 2021 को सबसे ज्यादा 6,148 मरीजों की मौत हुई थी. शुक्रवार को देश में संक्रमण के 5,383 मामले सामने आए और कोविड से 20 मरीजों की मौत हुई.
कोरोना लंबे समय तक रहेगा साथ
अप्रैल मध्य से अब तक कोरोना वायरस के कारण होने वाली साप्ताहिक मौत की संख्या 20 हजार से अधिक नहीं हुई है. इससे संक्रमण के मामलों में भी गिरावट देखने को मिली है. शिव नादर इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज के डीन संजीव गलांदे ने कहा कि महामारी शीघ्र समाप्त होने की ओर अग्रसर है लेकिन कोरोना वायरस हमारे साथ लंबे समय तक रहेगा.
तेजी से घट रहे हैं मामले
गलांदे ने कहा, “अगर हम 2022 की शुरुआत से आंकड़ों को देखें तो ज्यादतार देशों में महामारी से होने वाली मौतें और अस्पताल पहुंचने वाले रोगियों की संख्या तेजी से घट रही है.”उन्होंने कहा कि इसके पर्याप्त साक्ष्य हैं कि कोरोना वायरस अंततः एक मौसम में उभरने वाली बीमारी बनकर रह जाएगा जो कि सांसों से जुड़ी कई अन्य रोगों की विशेषता है.
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