Attack in Kabul: ISIS ने काबुल में पाकिस्तानी दूतावास पर हमले की जिम्मेदारी ली, एक सुरक्षाकर्मी हुआ था जख्मी
Pak Embassy Attack: पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि हमले का लक्ष्य अफगानिस्तान में हमारे राजदूत की हत्या करना था. उनको कोई नुकसान नहीं हुआ. हालांकि उनका बॉडीगार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया.
ISIS Attack On Pak Embassy: इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में पाकिस्तानी दूतावास पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है. इस हमले में पाकिस्तान के मिशन प्रमुख तो बच गए थे, लेकिन उनका एक सुरक्षाकर्मी जख्मी हो गया था.
इस्लामिक स्टेट ने शनिवार (3 दिसंबर) को देर रात जारी किए संक्षिप्त बयान में दावा किया कि उसके दो लड़ाकों ने पाकिस्तानी राजदूत और उनके सुरक्षा कर्मियों पर तब हमला किया, जब वे पाकिस्तानी दूतावास के परिसर में थे, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी जख्मी हुआ और इमारत को नुकसान पहुंचा. उसने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी.
2 दिसंबर को हमला हुआ था
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार (2 दिसंबर) को हुए हमले में पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मी इसरार मोहम्मद जख्मी हो गए थे. वह सेना की कमांडो यूनिट से संबंधित हैं. मगर मिशन के हेड उबैद-उर-रहमान निजामी सुरक्षित बच गए थे.
यह हमला ऐसे वक्त में हुआ था जब इस्लामाबाद दावा कर रहा था कि अफगानिस्तान में छुपी पाकिस्तान विरोधी ताकतें हमलों को अंजाम दे रही हैं. इस दावे को लेकर दोनों देशों में तनाव पैदा हो गया है. इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस्लामिक स्टेट के दावे की पुष्टि करने की कोशिश कर रहा है.
पाकिस्तानी दूतावास पर हमले की निंदा की
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि हमले का लक्ष्य अफगानिस्तान में हमारे राजदूत की हत्या करना था. फिर भी, उनको कोई नुकसान नहीं हुआ. हालांकि उनका एक बॉडीगार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया. अफगानिस्तान में मौजूद अधिकारियों ने भी पाकिस्तानी दूतावास पर हमले की निंदा की और राजनयिक मिशनों और परिसरों के खिलाफ इसी तरह के हमलों को रोकने की कसम खाई. पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने हमले के संबंध में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी से फोन पर बात की.
सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी ने वादा किया कि पाकिस्तानी दूतावास की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, और वह इस घटना के दोषियों को पकड़ने और उन्हें सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. जरदारी ने कथित तौर पर कहा है कि इस तरह के कृत्यों से दो भ्रातृ राष्ट्रों के बीच संबंध नहीं टूट सकते हैं और इस्लामाबाद की दूतावास को बंद करने या राजनयिकों को निकालने की कोई योजना नहीं है.
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