Saudi Woman Astronaut: अरब मुल्कों की सरजमीं से भी अंतरिक्ष की दौड़ लगाई जा रही है. सबसे कट्टर कायदे-कानूनों वाला इस्लामिक मुल्क (Muslim Country) सऊदी अरब (Saudi Arabia) अब खुद को एक प्रोग्रेसिव सोच वाला मुल्क दिखाने में लगा है. इसी कोशिश में सऊदी अरब ने ऐलान किया है कि वो पहली बार अपने यहां से महिलाओं को स्पेस में भेजेगा.
अपनी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को स्पेस में भेजेगा सऊदी अरब
सऊदी अरब की घोषणा के मुताबिक, 2023 की दूसरी तिमाही में यह मुल्क अपनी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री, रेयानाह बरनावी और एक पुरुष अंतरिक्ष यात्री, अली अलकर्नी को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजेगा. वे Axiom Space के दूसरे सर्व-निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन के दल में शामिल होंगे. सऊदी के इस मिशन का उद्देश्य मानव अंतरिक्ष उड़ान में सऊदी क्षमताओं को बढ़ावा देना और अंतरिक्ष उद्योग द्वारा पेश किए गए अवसरों का लाभ उठाना है.
सऊदी की हुकूमत कर रही मिशन में मदद
सऊदी अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष अब्दुल्ला अल-स्वाहा ने कहा कि उनकी हुकूमत इस प्रोग्राम का पूरा समर्थन करती है. आयोग के प्रमुख मोहम्मद अल-तमीमी ने समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया, जिसने मुल्क को अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति करने में सक्षम बनाया है. यह मिशन ऐतिहासिक भी है क्योंकि यह सऊदी अरब को उन कुछ देशों में से एक बना देगा जिनके पास अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक ही राष्ट्रीयता के दो अंतरिक्ष यात्री एक साथ होंगे.
प्रिंस सुल्तान बिन सलमान ने भरी थी पहली उड़ान
बता दें कि सऊदी अंतरिक्ष आयोग के पहले अध्यक्ष और पहले अरब, मुस्लिम और शाही अंतरिक्ष यात्री प्रिंस सुल्तान बिन सलमान ने 1985 में अमेरिकी एसटीएस-51-जी स्पेस शटल मिशन में अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी. जैसा कि सऊदी अरब अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निवेश कर रहा है, उसका नया प्रोग्राम आने वाले वर्षों में वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में और भी महत्वपूर्ण योगदान देगा.