Israel-Hamas War: मिडिल ईस्ट में लौटेगी शांति! इजरायल ने गाजा युद्धविराम प्रस्ताव किया स्वीकार, अब हमास के पाले में गेंद
Israel-Hamas Ceasefire: गाजा में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि हर दिन हमास के खात्मे के लिए इजरायल की तरफ से हमले हो रहे हैं.
Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच पिछले साल से ही जंग चल रही है, जिसकी वजह से गाजा में हजारों लोगों की मौत हुई है. जंग के बीच शांति की धुंधली हो रही रोशनी एक बार फिर से उजाला करने को तैयार नजर आ रही है. इसकी वजह ये है कि इजरायल ने गाजा में युद्धविराम के लिए पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. हालांकि, अब गेंद हमास के पाले में है, जिसे ये फैसला करना है कि वह शांति चाहता है या फिर गाजा में चल रही जंग को बरकरार रखना चाहता है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वाशिंगटन के जरिए पेश किए गए 'ब्रिजिंग प्रस्ताव' को स्वीकार कर लिया है. इस प्रस्ताव में गाजा में युद्धविराम समझौते को रोकने वाली असहमति से निपटने का प्लान है. ब्लिंकन ने गाजा में शासन चलाने वाले हमास से भी ऐसा ही करने की गुजारिश की है. ब्रिजिंग प्रस्ताव को स्वीकारने से अब गाजा में युद्धविराम का रास्ता तैयार होने लगा है.
ब्रिजिंग प्रस्ताव शांति का आखिरी मौका: एंटनी ब्लिंकन
इजरायली अधिकारियों और नेतन्याहू के साथ मुलाकात के बाद ब्लिंकन ने पत्रकारों से मुलाकात की और गाजा में शांति को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने पहले कहा था कि ये प्रस्ताव शांति समझौते के लिए आखिरी मौका साबित हो सकता है. युद्धविराम और बंधक वापसी समझौते की मांग को लेकर कतर में बातचीत पिछले सप्ताह बिना किसी नतीजे के रुक गई थी. अगर इजरायल और हमास के बीच दूरियों को पाटने के अमेरिकी प्रस्ताव के आधार पर इस हफ्ते बातचीत के फिर से शुरू होने की उम्मीद है.
ब्रिजिंग प्रस्ताव का समर्थन करते हैं नेतन्याहू: एंटनी ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने तेल अवीव में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सोमवार (19 अगस्त) को कहा, "आज प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ बहुत ही रचनात्मक बैठक हुई. उन्होंने मुझसे इस बात की पुष्टि की है कि इजरायल ब्रिजिंग प्रस्ताव को स्वीकार कर रहा है और वह इसका समर्थन करते हैं."
ब्लिंकन ने आगे कहा, "अब ऐसा ही करना हमास पर भी निर्भर करता है. फिर मध्यस्थों (अमेरिका, मिस्र और कतर) की मदद से सभी पक्षों को एक साथ आना होगा. उन्होंने साफ करना होगा कि वे इन प्रतिबद्धताओं को कैसे लागू करेंगे, जो उन्होंने इस समझौते के तहत किया है."
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