Israel Hezbollah Crisis: इजरायल ने हिजबुल्लाह को टारगेट करते हुए लेबनान पर हमले तेज कर दिए हैं. इन हमलों में कई बेगुनाह बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं की मौत हुई है. हमलों के बाद की तस्वीरें पूरी दुनिया के लोगों का ध्यान खींच रही हैं. इन सबके बीच अब इजरायल के हमलों पर अलग-अलग देशों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है. कोई तनाव कम करने का आह्वान कर रहा है तो कोई इजरायल की कार्रवाई को सही बता रहा है.


बता दें कि सोमवार को शुरू हुए और मंगलवार तक जारी रहे इजरायल के हमलों में 1975-90 के गृहयुद्ध के अंत के बाद से लेबनान में एक दिन में सबसे अधिक मौतें हुईं. मंगलवार को, लेबनान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इज़रायली हमलों में 558 लोग मारे गए, जिनमें 50 बच्चे और 94 महिलाएं शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्री फ़िरास अबियाद ने बेरूत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कम से कम 1,835 लोग घायल हुए हैं, और 54 अस्पताल मरीजों का इलाज कर रहे हैं. आइए जानते हैं इन हमलों पर दुनिया के प्रमुख देशों ने क्या कहा.


संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा


संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वे ब्लू लाइन पर बढ़ती स्थिति से गंभीर रूप से चिंतित हैं.  उनके प्रवक्ता, स्टीफन दुजारिक ने अल जजीरा से कहा कि अब भी कूटनीति के रास्ते पर वापस जाने में बहुत देर नहीं हुई है.


ईरान 


हिजबुल्लाह को समर्थन देने वाले ईरान ने एक बयान जारी करते हुए इज़राइल को उसे ऐसे संघर्ष में फंसाने का प्रयास करने का आरोप लगाया, जिसके "अपरिवर्तनीय परिणाम" होंगे. राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा, "हम शांति से रहना चाहते हैं, हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन यह इज़रायल ही है जो इस व्यापक संघर्ष को पैदा करना चाहता है."


मिस्र


मिस्र के विदेश मंत्रालय ने यूएनएससी से हस्तक्षेप करने का आह्वान किया और लेबनान की संप्रभुता के किसी भी उल्लंघन की निंदा की. मिस्र ने कहा कि वह गाजा में युद्ध विराम की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखेगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने लेबनान पर इजरायल के हमलों की निंदा की और यह भी उल्लेख किया कि पिछले सप्ताह लेबनान में हुए साइबर आतंकी हमलों ने दिखाया कि कैसे प्रौद्योगिकियों को घातक हथियारों में बदला जा सकता है. उन्होंने कहा कि इजरायल के भ्रामक कदमों को अब कोई विश्वसनीयता नहीं दी जानी चाहिए. ऐसे माहौल में जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू नहीं किया जाता है, इजरायल के खिलाफ बलपूर्वक उपाय किए जाने चाहिए. जिस तरह 70 साल पहले हिटलर को मानवता के गठबंधन ने रोका था, उसी तरह नेतन्याहू और उनके हत्यारे नेटवर्क को भी मानवता के गठबंधन की ओर से रोका जाना चाहिए।


कतर


कतर विदेश मंत्रालय ने इजरायल की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की है. एक बयान में कतर ने कहा “लगातार बढ़ रहा तनाव मुख्य रूप से इजरायल की कार्रवाइयों के लिए किसी भी निवारक की अनुपस्थिति, अंतरराष्ट्रीय कानून के उसके लगातार उल्लंघन और उसके निरंतर दंड से बचने के कारण है.”


सऊदी अरब


सऊदी अरब विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह लेबनान में हो रहे घटनाक्रमों पर बड़ी चिंता के साथ नज़र रख रहा है और सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने का आग्रह किया है. उसने लेबनान की संप्रभुता का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से क्षेत्र में तनाव कम करने में भूमिका निभाने का आह्वान किया.


संयुक्त राज्य अमेरिका


अमेरिकी, जिसने गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल को अरबों डॉलर के हथियार भेजे हैं और साथ ही इजरायल-हिजबुल्लाह मध्यस्थता अभियान को आगे बढ़ाया है... उसने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के मद्देनजर और सावधानी के तौर पर हम इस क्षेत्र में पहले से मौजूद अपने बलों को बढ़ाने के लिए कुछ अतिरिक्त अमेरिकी सैन्य कर्मियों को आगे भेज रहे हैं.


कनाडा


कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि लेबनान में महिलाओं और बच्चों की हत्या असाधारण रूप से चिंताजनक है और उन्होंने इज़रायल और हिजबुल्लाह से अपने संघर्ष को कम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "हिंसा को रोकने की ज़रूरत है. लेबनान में महिलाओं और बच्चों की हत्या असाधारण रूप से चिंताजनक है. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इजरायल और हिजबुल्लाह दोनों की ओर से तनाव कम किया जाए. हमें नागरिकों की जान बचाने की आवश्यकता है. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं."


G-7


G7 ने वर्तमान विनाशकारी चक्र को रोकने का आह्वान किया, जो पूरे मध्य पूर्व को अकल्पनीय परिणामों के साथ एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में धकेल सकता है. कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और अमेरिका से बने G7 के एक बयान में इसकी निंदा की है.


यूनाइटेड किंगडम


यूनाइटेड किंगडम के विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा कि वह लेबनान और इजरायल में चल रहे हवाई हमलों से बहुत चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध आगे बढ़ने से और भी विनाशकारी परिणाम होने का जोखिम है. मैं दोनों पक्षों पर तत्काल युद्ध विराम के लिए अपना आह्वान दोहराता हूं.


फ्रांस


फ्रांस ने कहा कि सीमा के दोनों ओर हमले तुरंत समाप्त होने चाहिए और संघर्ष को संबोधित करने के लिए आपातकालीन यूएनएससी बैठक का आह्वान किया. विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा, "मैं लेबनान के लोगों के बारे में सोच रहा हूं, क्योंकि इज़रायली हमलों में दर्जनों बच्चों सहित सैकड़ों नागरिक मारे गए हैं." "ब्लू लाइन के दोनों ओर और व्यापक रूप से क्षेत्र में किए गए ये हमले तुरंत बंद होने चाहिए."


चीन


विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन लेबनान की संप्रभुता की रक्षा करने में उसका दृढ़ता से समर्थन करता है और इज़राइल के हमलों की कड़ी निंदा करता है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, चीन न्याय के पक्ष में और लेबनान सहित अरब भाइयों के पक्ष में खड़ा होगा.


रूस


क्रेमलिन ने कहा कि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष के बढ़ने से क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होने का जोखिम है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों से कहा, "यह निश्चित रूप से एक ऐसी घटना है जो संभावित रूप से बहुत ख़तरनाक है," संघर्ष के क्षेत्र के विस्तार और क्षेत्र की पूर्ण अस्थिरता का जोखिम है.


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