Al Aqsa Mosque: इजरायल के मंत्री ने अल अक्सा मस्जिद जाकर क्या कह दिया जिससे हुआ बवाल
Al Aqsa Mosque: यरूशलम के पहाड़ियों पर मौजूद अल अक्सा मस्जिद यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पूजनीय है. आपसी विरोधी दावों की वजह से इस मस्जिद को लेकर कई बार हिंसा हो चुकी है.
Al Aqsa Mosque: यरूशलम में मौजूद अल अक्सा मस्जिद का विवादों से पुराना नाता है, इस मस्जिद से जुड़ा अब एक नया विवाद सामने आ गया है. बुधवार को इजरायली केबिनेट मंत्री इतामार बेन ग्विर ने अल अक्सा मस्जिद का दौरा किया, इस दौरान उन्होंने घोषणा कर दी कि यह मस्जिद सिर्फ इजरायल का है. मत्री की घोषणा के बाद तनाव बढ़ गया है. बेन ग्विर ने कहा, उनकी अल अक्सा मस्जिद यात्रा तीन यूरोपीय देशों की तरफ से फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता देने की प्रतिक्रिया था. उन्होंने कहा, 'हम फिलिस्तीन के बारे में एक भी बयान की अनुमति नहीं देंगे.'
दरअसल, यरूशलम के पहाड़ियों पर मौजूद अल अक्सा मस्जिद यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पूजनीय है. आपसी विरोधी दावों की वजह से इस मस्जिद को लेकर कई बार हिंसा हो चुकी है. इजरायल मस्जिद परिसर में यहूदियों को जाने की अनुमति देता है, लेकिन वहां प्रार्थना करने की अनुमति नहीं देता है. मंत्री की इस यात्रा को अब उकसावे के तौर पर देखा जा रहा है.
दूसरी तरफ इस यात्रा के पहले स्पेन और आयरलैंड ने बुधवार को ही कहा था कि वे एक ऐतिहासिक कदम के तहत फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं. दोनों देशों ने कहा कि इसकी औपचारिक मान्यता 28 मई को दी जाएगी. इस घोषणा की इजरायल ने निंदा की थी और फिलिस्तीन ने खुशी जताई थी. इजरायल ने तुरंत नॉर्वे और आयरलैंड से अपने राजदूत को वापस बुलाने का आदेश दे दिया.
यूरोपीय संघ फिलिस्तीन को देंगे देश की मान्यता
नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोरे ने कहा कि जब तक फिलिस्तीन को मान्यता नहीं मिलेगी मध्य पूर्व में शांति नहीं होगी. उन्होंने कहा, 'फिलिस्तीन को देश की मान्यता देकर नॉर्वे अरब शांति योजना का समर्थन करता है.' बीते सप्ताह कई यूरोपीय देशों ने फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता देने के संकेत दिए हैं. इनका मानना है कि अरब में शांति के लिए दो देश समाधान आवश्यक है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि फिलिस्तीन के अलग राष्ट्र की कल्पना को गति मिलेगी और संयुक्त राष्ट्र में भी इस कदम से मजबूती मिलेगी.
हमास इजरायल को नहीं मानता देश
नॉर्वे यूरोपीय यूनियन का सदस्य नहीं है, लेकिन यूनियन के कदमों से सहमत रहता है. नॉर्वे हमेशा से दो देश समाधान की बात कर रहा है. नॉर्वे ने कहा कि इजरायल पर हमला हमास आतंकवादी संगठन ने किया, जो दो देश और इजरायल का ही समर्थक नहीं है. नॉर्वे ने कहा फिलिस्तीन को एक अलग राष्ट्र का मौलिक अधिकार है.
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