Israel Strike Gaza: जेरूसलम की अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) में बुधवार (5 अप्रैल) को इजरायली (Israel) सेना और फिलिस्तीनियों (Palestinians) के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद आतंकवादी समूह हमास (Hamas) ने इजरायल पर कई हमले किए. इजरायली सेना ने हमले का जवाब देते हुए दक्षिणी लेबनान (lebanon) में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया और शुक्रवार (7 अप्रैल) को हवाई हमले किए.
इजरायली पुलिस ने बुधवार को प्रार्थना के दौरान मस्जिद परिसर पर धावा बोल दिया और यहां तक कि नमाजियों और फिलिस्तीनियों पर भी हमला किया, जिससे क्षेत्र में संघर्ष का खतरा पैदा हो गया. ये हमला विशेष रुप से रमजान के महीने में हमले किए थे. वहीं अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस की छापेमारी के बाद तनाव कम नहीं हुआ.
साल 2006 में भी हुए थे हमले
गाजा और लेबनान पर इजरायली हवाई हमले लेबनान से रॉकेट हमलों के जवाब में आए, जिसके लिए इजरायली अधिकारियों ने इस्लामवादी समूह हमास पर आरोप लगाया. वहीं गाजा पट्टी में गुरुवार (6 अप्रैल) को भी हमले हुए थे. इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक वीडियो बयान में अपने देश के दुश्मनों से आक्रामक बदला लेने का वादा किया. इस बयान के कुछ घंटों बाद ही इजरायल ने गाजा के अलग-अलग हिस्सों में जबरदस्त विस्फोट हुए.
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि लेबनान से इजरायल में 34 रॉकेट लॉन्च किए गए थे, जो कि 2006 के युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा हमला था, जिसमें लगभग 1,200 लेबनानी लोग और 165 इजरायली मारे गए थे
लेबनान की सेना के तरफ से किया गया था हमला
इजरायली सेना ने यह भी कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान में हमास पर हमला किया और रशीदियाह शरणार्थी शिविर में स्थानीय लोगों ने तीन जोरदार विस्फोटों की सूचना दी. इसके विपरीत, लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने अपने क्षेत्र से किसी भी सैन्य आक्रमण की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया.
इस दावे का खंडन करते हुए, इजरायली रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि हमला किसी अन्य संगठन के ओर से नहीं नहीं, बल्कि लेबनान की सेना के तरफ से किया गया था. उन्होंने कहा कि हिजबुल्ला स्थिति से अवगत हो सकता था लेकिन हमले की शुरुआत सेना से हुई.