Israel Palestine Attack: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल पर हमास द्वारा किए गए हमले की तुलना मुंबई में 26 नवबंर 2008 को हुए हमलों से की है. इस दौरान उन्होंने इस बात को एक बार फिर दोहराया है कि आतंकवाद के सभी कार्य "गैरकानूनी और अनुचित" हैं. गौरतलब है कि बीते 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर भयावह हमला किया था, जिसमे हजारों लोग मारे गए. इस हमले के बाद दुनिया भर में इजरायल समर्थक देशों ने हमास को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया है.
इसी हमले को लेकर संयुक्त राज्य सुरक्षा परिषद में मंत्रिस्तरीय बैठक हो रही है. इस दौरान अपनी बात रखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उन सदस्य देशों की निंदा की, जो आतंकवादी समूहों को हथियार, धन और प्रशिक्षण सहित सहायता प्रदान करते हैं. उन्होंने अपनी बात पूरी कहते हुए कहा कि हमें किसी भी राष्ट्र को अपनी रक्षा करने और ऐसी भयावहता को दोहराने से रोकने के अधिकार का समर्थन करना चाहिए. इस परिषद का कोई भी सदस्य अपने लोगों के वध को बर्दाश्त नहीं कर सकता है, ना ही उन्हें ऐसा करना चाहिए.
मुंबई हमले से की तुलना
अपने बयान में ब्लिंकन ने हमास द्वारा इज़राइल के खिलाफ किए गए आतंकवादी हमलों और मुंबई में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए हमलों के बीच समानता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "जैसा कि इस परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बार-बार आतंकवाद को गैरकानूनी और अनुचित ठहराया है. चाहे वह कही भी हो. चाहे वह नैरोबी, बाली, इस्तांबुल या फिर मुंबई की घटना हो.
आतंकवाद को बढ़ावा देने पर भड़के अमेरिकी विदेश मंत्री
आगे अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ये सभी हमले नरसंहार की श्रेणी में रखे जाने चाहिए. चाहे ये हमले आईएसआईएस की ओर से किये गये हों या इसे अंजाम देने वाले बोको हरम, अल शबाब, लश्कर-ए-तैयबा या हमास हो. उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले सदस्य देशों की निंदा की. उन्होंने सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी पर जोर दिया.