Israel-Hamas War: एक तरफ इजरायल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध को लेकर दुनिया भर के देश चिंतित हैं. वहीं, दूसरी तरफ रूस इस बात से बेहद खुश है. दरअसल, रूस को लगता है कि इससे अमेरिकी सैन्य सहायता यूक्रेन के बजाए इजरायल को मिलेगी और इस बात का फायदा रूस-यूक्रेन के साथ जारी जंग में उठा पाएगा. रूस इस बात से भी गदगद है कि इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष की वजह से मध्य पूर्व में तेल की कीमतों में भी इजाफा होगा, जिसका सीधा फायदा भी उसे मिलेगा .


हालांकि ये बात और है कि अमेरिका और नाटो सहयोगियों ने इजरायल पर गाजा स्थित आतंकवादी समूह हमास के हमले के बाद यूक्रेन को सैन्य समर्थन जारी रखने की उनकी क्षमता के बारे में चिंताओं को खारिज कर दिया है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अरब लीग के महासचिव के साथ बातचीत के दौरान इस बात पर ख़ुशी जाहिर की है. साथ ही इस बात को स्वीकार किया है कि इजरायल संघर्ष पर अमेरिका के ध्यान के परिणामस्वरूप यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति धीमी हो जाती है. ऐसे में रूस इस चीज का भरपूर फायदा उठाना चाहेगा.


बीते साल फरवरी में शुरू हुआ था रूस-यूक्रेन संघर्ष 


गौरतलब है कि रूस ने बीते साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था. तब से दोनों देशों के बीच जारी है. दुनिया भर के देशों ने दोनों के बीच अब तक सुलह कराने का प्रयास किया है लेकिन बात बन नहीं पाई है. यूक्रेन पर हमले के वक्त रूस ने इसे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन नाम दिया था, जिसका उद्देश्य यूक्रेन से अमेरिका समर्थित सरकार को उखाड़ फेंकना है. 


इजरायल क्यों मांग रहा हथियार? 


इसमें कोई शक नहीं कि इजरायल का मौजूदा हथियारों का भंडार काफी ज्यादा है. हालांकि एहतियातन इजरायल ने अपने सहयोगी देशों से अधिक हथियारों की मांग की है. इसके साथ ही अमेरिका ने अपने आधुनिक हथियारों की खेप इजरायल को भेजी है. ऐसे में रूस को लगता है कि जब तक इजरायल और हमास के बीच जंग जारी रहेगा, तब तक अमेरिका यूक्रेन को मदद नहीं दे पाएगा. ऐसे में रूस के पास बड़ा मौका है. 


यूक्रेन को हो सकती है हथियारों की कमी 


पूर्व अमेरिकी मरीन कर्नल मार्क कैंसियन ने कहा कि गाजा में जमीनी कार्रवाई शुरू होते ही इजरायली सेना बड़े पैमाने पर युद्ध सामग्री का उपयोग करना शुरू कर देगी. ऐसे में भरपूर हथियार होने के बाद भी इजरायल चिंतित है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भले ही अमेरिका ने यूक्रेन को डिलीवरी बंद नहीं की है, लेकिन यह उन शिपमेंट को धीमा कर सकता है. इसका मतलब है कि वे केवल केवल सर्वोच्च प्राथमिकता वाले लक्ष्यों पर ही हमला कर सकते हैं.


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