गाजा सिटी: इजराइल ने गुरुवार तड़के गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए जिसमें कम से कम एक फलस्तीनी मारा गया और कई अन्य घायल हो गए. वहीं, हमास ने भी इजराइल पर और अधिक रॉकेट दागे. युद्धविराम को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हमास और मिस्र के कुछ अधिकारियों ने जहां लड़ाई जल्द रुकने की उम्मीद जताई है, वहीं इजराइल लड़ाई को ‘निर्णायक मोड़’ तक ले जाने की बात कह रहा है.


ये ताजा हमले तब हुए हैं जब इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के उग्रवादी हमास शासकों के खिलाफ आक्रमण कम करने के अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया. हमास ने इजराइल पर हजारों रॉकेट दागे हैं.


नेतन्याहू अपने देश के सर्वाधिक घनिष्ठ मित्र अमेरिका की ओर से दबाव का सामना कर रहे हैं. हालांकि, वह हमास को अधिकतम नुकसान पहुंचाने की जिद पर अड़े प्रतीत होते हैं जिससे उन्हें अपने राजनीतिक करियर को बचाने में मदद मिल सकती है.


वहीं, दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम कराने के राजनयिक प्रयास तब कुछ आगे बढ़ते नजर आए जब वार्ता से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि अगले 24 घंटे में युद्धविराम होने की उम्मीद है. इस बीच, इजराइल के रक्षा मंत्री बैनी गैंट्ज ने कहा कि युद्धविराम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद इजराइली सेना गाजा पट्टी में फलस्तीनी उग्रवादियों के खिलाफ अपने अभियान को विस्तरित करने को तैयार है.


गाजा सिटी के मध्य नगर दिएर अल-बलाह और दक्षिणी शहर खान युनूस विस्फोटों की आवाज से गूंज उठे. खान युनूस में कम से कम पांच मकान ध्वस्त हो गए. इजराइली सेना ने बताया कि उसने हमास कमांडरों के कम से कम चार मकानों को निशाना बनाया है और साथ ही उग्रवादी संगठन के ‘‘सैन्य ढांचे’’ को भी निशाना बनाया है. इजराइल के हवाई हमले में खान युनूस में खावाल्दी परिवार का दो मंजिला मकान ढह गया जहां रह रहे 11 लोग घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


इजराइल और फलस्तीन के बीच गत 10 दिन से जारी भीषण लड़ाई के मद्देनजर ‘‘तनाव में महत्वपूर्ण कमी’’ लाने की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की अपील के बावजूद नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर सैन्य अभियान जारी रखने का बुधवार को संकल्प लिया. यह गत हफ्ते लड़ाई शुरू होने के बाद से दो करीबी सहयोगी देशों के बीच सार्वजनिक दरार की पहली घटना है. नेतन्याहू के इस बयान से युद्धविराम पर पहुंचने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास जटिल हो सकते हैं.


नेतन्याहू ने सैन्य मुख्यालय के दौरे के बाद कहा कि वह ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति के सहयोग की बहुत सराहना करते हैं’’, लेकिन ‘‘इजराइल के लोगों को शांति एवं सुरक्षा वापस दिलाने के लिए’’ देश अभियान जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि वह ‘‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं’’.


नेतन्याहू के इस बयान से कुछ ही देर पहले बाइडन ने उनसे ‘‘तनाव में महत्वपूर्ण कमी’’ लाने की अपील की थी. दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, यह अमेरिका के किसी सहयोगी पर बाइडन की तरफ से डाला गया अब तक का सबसे कठोर सार्वजनिक दबाव है.


इसमें कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में नेतन्याहू से ‘‘युद्धविराम के रास्ते’’ की तरफ बढ़ने को कहा. मिस्र के मध्यस्थ भी लड़ाई रोकने के लिए काम कर रहे हैं और वहां के एक राजनयिक ने कहा कि शीर्ष अधिकारी युद्धविराम की पेशकश पर इजराइल के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.


वहीं, मिस्र के एक खुफिया अधिकारी ने कहा कि बृहस्पतिवार रात तक या शुक्रवार सुबह तक युद्धविराम होने की संभावना है. हमास के शीर्ष अधिकारी मूसा अबू मर्जुक ने एक लेबनानी टीवी से कहा कि उन्हें एक या दो दिन में युद्धविराम होने की उम्मीद है.


क्षेत्र का दौरा कर रहे जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने कहा कि इजराइल को ‘‘अपने ऊपर होने वाले इस तरह के अस्वीकार्य हमलों से स्वयं का बचाव करने का अधिकार है.’’ उन्होंने हालांकि हमलों में आम लोगों की मौत पर चिंता जताई और युद्धविराम के प्रयासों का समर्थन किया.


इजराइल और हमास के बीच लड़ाई 10 दिन पहले तब शुरू हुई थी जब उग्रवादी समूह ने यरुशलम पर लंबी दूरी के रॉकेट दागे. इससे पहले अल-अक्सा मस्जिद में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच झड़पों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी.


इसके बाद इजराइल ने हमास को निशाना बनाते हुए सैकड़ों हवाई हमले किए. हमास और अन्य उग्रवादी समूहों ने इजराइली शहरों पर 4,000 से अधिक रॉकेट दागे हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 64 बच्चों और 38 महिलाओं समेत कम से कम 227 फलस्तीनी मारे गए हैं और 1,620 लोग घायल हुए हैं.


हमास और इस्लामिक जिहाद ने अपने कम से कम 20 लड़ाकों के मारे जाने की बात कही है जबकि इजराइल का कहना है कि उग्रवादी संगठनों के कम से कम 130 लड़ाके मारे गए हैं. युद्ध के चलते करीब 58,000 फलस्तीनी अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं. हमास के हमलों में इजराइल में पांच साल के एक लड़के, 16 साल की एक लड़की और एक सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हुई है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इजराइली हमलों में कम से कम 18 अस्पताल और क्लिनिक नष्ट हुए हैं. वहीं, इजराइल के नेता विपक्ष ने नेतन्याहू पर गाजा पट्टी में फलस्तीनी उग्रवादियों से ठीक ढंग से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाया.


येश आतिद पार्टी के नेता याइर लैपिड ने शुक्रवार को फेसबुक पर लिखा कि नेतनयाहू सरकार गाजा पट्टी को लेकर ठोस रणनीति बनाने में विफल साबित हुई है और उसने बाइडन प्रशासन के साथ संबंध खराब कर लिए हैं.


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