तारीख- 17 अक्टूबर, 2023, समय- आधी रात, जगह- गाजा सिटी में स्थित अल अहली अस्पताल, क्या हुआ- बम धमाका, मौतें- 500. इजरायल और हमास के बीच 12 दिन से चल रही जंग दिन पर दिन आक्रामक होती जा रही है. मंगलवार (17 अक्टूबर, 2023) की रात को गाजा सिटी के एक अस्पताल पर बम धमाका हुआ और 500 बेगुनाह मारे गए. पहले तो हमले के लिए हमास इजरायल को और इजरायल हमास को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, लेकिन अब पता चला है कि बेगुनहों की जान लेने वाला चरमपंथी समूह इस्लामिक जिहाद है.


इजरायल रक्षा सेना (IDF) ने हमले का वीडियो जारी कर बताया कि हमले में उसका कोई हाथ नहीं है, बल्कि 500 निर्दोष लोगों की जान लेने वाला है- इस्लामिक जिहाद. इजरायल की सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर वीडियो जारी कर कहा, 'आतंकी संगठन इस्लामिक जिहाद के असफल रॉकेट लॉन्च ने गाजा सिटी के अल अहली अस्पताल पर धमाका कर दिया. अस्पताल के आस-पास के इलाके की हमले के पहले और बाद की आईएएफ फुटेज.' 


क्या है इस्लामिक जिहाद?
इस्लामिक जिहाद को आधिकारिक तौर पर फलस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) के नाम से जाना जाता है. यह एक सुन्नी चरमपंथी समूह है. फलस्तीन की जमीन पर इजरायल के कब्जे को हटाने के लिए इस समूह को बनाया गया था. इसका मकसद फलस्तीन को स्वतंत्र देश बनाना है. इस्लामिक जिहाद का गठन 70 के दशक में हुआ था. इस्लामिक जिहाद को जियाद अल-नखलाह और मुहम्मद अल-हिंदी चलाते हैं. साल 1997 में अमेरिका ने इस्लामिक जिहाद को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. 


हमास और इस्लामिक जिहाद का एक ही मकसद
हमास के बाद इस्लामिक जिहाद फलस्तीन में दूसरा सबसे बड़ा ग्रुप है, जो वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी, दोनों जगह मौजूद है. इस्लामिक जिहाद की मिलिट्री विंग को अल-कुद्स ब्रिगेड के तौर पर जाना जाता है. हमास और इस्लामिक जिहाद का मकसद एक ही है. हालांकि, हमास को राजनीतिक वैधता प्राप्त है और साल 2006 में वह गाजा का चुनाव भी जीत चुका है, लेकिन पीआईजे का ज्यादा फोकस हथियारों और हमलों पर ही रहा है. वह अपनी मिलिट्री विंग को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान देता है. 1990 से ही इजरायल पर हुए कई हमलों में इस्लामिक जिहाद शामिल रहा है. 


ईरान और सीरिया से मिलता है सपोर्ट
इस्लामिक जिहाद का ऐसा मानना है कि राजनीतिक रास्ते से इजरायल-फलस्तीन विवाद का मुद्दा नहीं सुलझाया जा सकता है इसलिए वह हमले कर यहूदियों को भगाने का पक्षधर रहा है. यह फलस्तीन अथॉरिटी के भी खिलाफ है और ओसलो अकॉर्ड और अन्य शांति समझौतों को भी नहीं मानता है. काउंटर-टेररिजम एक्सपर्टस के मुताबिक, ईरान, सीरिया और लेबनीज मिलिटेंट ग्रुप हिजबुल्लाह, इस्लामिक जिहाद को सपोर्ट करते हैं.


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