Israel-Hamas War News: इजरायल और हमास के बीच बंधकों की रिहाई का समझौता हुआ है. इसके तहत 24 बंधकों को गाजा पट्टी से रिहा किया गया है, जिसमें 13 इजरायली नागरिक भी शामिल हैं. ठीक इस तरह से समझौते के तहत 39 फिलिस्तीनी कैदी भी रिहा हुए हैं. इजरायल और हमास ने चार दिनों तक युद्ध रोकने का फैसला किया है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से हुई है. चार दिनों में 150 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले 50 बंधकों को रिहा करने की योजना है.
भले ही युद्ध को चार दिनों तक रुका है, मगर इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. सबसे पहले शांति होने से गाजा में मानवीय मदद पहुंच पाई है, जबकि इजरायल को भी हमास के मिसाइलों हमलों से आजादी मिली है. हालांकि, चार दिनों की शांति की वजह से तीन ऐसे पहलू हैं, जिन पर सबका ध्यान है. पहला अगर शांति बनी रहती है, तो क्या होगा? दूसरा अगर चार दिन बाद फिर युद्ध शुरू हुआ, तो क्या होगा? और तीसरा कि क्या सच में अब जंग रुक सकती है.
बनी रह सकती है शांति
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध को लेकर पहली संभावना तो यही है कि इजरायल और हमास के बीच शांति बनी रह सकती है. हमास हर रोज 10-10 कर कर बंधकों को रिहा कर सकत है. हमास की कैद में 200 के करीब बंधक बताए जाते हैं. इसका मतलब हुआ कि युद्ध 20 दिनों तक भी रुक सकता है. ऐसा होने पर गाजा में मानवीय मदद भी जारी रह सकती है. हमास को भी बदलें इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदी मिलते रहेंगे.
ऐसा नहीं है कि शांति का फायदा सिर्फ हमास को ही मिलेगा, बल्कि इसका बड़ा फायदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी मिलेगा. बंधकों की रिहाई के लिए नेतन्याहू की तारीफ होती रहेगी. शांति की वजह से इजरायल की अर्थव्यवस्था को भी उबरने का मौका मिलेगा. इस शांति के बहाने इजरायल को वेस्ट बैंक में अपनी पकड़ मजबूत करने का भी विकल्प मिलेगा. शांति बनी रहने की वजह से युद्ध को स्थायी रूप से खत्म करने पर भी बात शुरू हो जाएगी.
चार दिन बाद युद्ध शुरू हुआ, तो क्या होगा?
वर्तमान में हमास बनी शांति को भंग नहीं करना चाहता है. अगर वह ऐसा करता है, तो मध्यस्थता करवा रहे मुल्कों का भरोसा खो बैठेगा. ठीक इसी तरह से अगर इजरायल ने इस बीच युद्ध शुरू किया, तो वह अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता खो बैठेगा. अभी तक नेतन्याहू को इस युद्ध की वजह से कुछ हासिल होता हुआ नहीं दिख रहा है. किसी भी हाई-प्रोफाइल हमास नेता की अभी तक मौत नहीं हुई है, जो दिखाता है कि इजरायल का जमीना हमला उतना कारगर नहीं रहा है.
यही वजह है कि अगर चार दिन बाद जब शांति की अवधि खत्म हो जाएगी, तो नेतन्याहू को मजबूरन युद्ध की शुरुआत करनी पड़ेगी. अब बात उनकी साख पर आ चुकी है, क्योंकि वह न तो हमास को पूरी तरह से खत्म कर पाएं हैं और न ही किसी हाई-प्रोफाइल लीडर को ढेर. इन वजहों से इस बात का डर सता रहा है कि कहीं एक बार फिर से युद्ध की शुरुआत नहीं हो जाए. अगर ऐसा होता है तो मिडिल ईस्ट में ये जंग लंबी खींच सकती है.
क्या खत्म होगी जंग?
मिडिल ईस्ट के घटनाक्रम पर नजर रखने वाली संस्था 'इंटरनेशनल इंटरेस्ट' के मैनेजिंग डायरेक्टर सामी हमादी ने कहा कि इजरायली अधिकारियों और नेतन्याहू के सहयोगियों को लगता है कि बंधकों को रिहा करने की डील के जरिए हमास स्थायी रूप से युद्धविराम करना चाहता है. वह बंधकों का लालच देकर इजरायल को फंसाना चाहता है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि नेतन्याहू को आकर कहना पड़ा है कि सैन्य ऑपरेशन जारी रहने वाला है.
गुरुवार को इजरायल रक्षा मंत्री ने भी ऐलान कर दिया कि युद्ध कम से कम दो महीने तक जारी रहने वाला है. हालांकि, इन सब के बीच भी युद्धविराम का लगातार दबाव बढ़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय संगठन और दुनिया के कई सारे मुल्कों ने शांति की वकालत की है. ऐसे में अगर इजरायल जल्द ही युद्ध को समाप्त नहीं करता है, तो उसकी अंतरराष्ट्रीय साख को चोट पहुंच सकती है. ऐसे में इस चार दिनों की शांति के बाद युद्ध खत्म होने के आसार भी नजर आ रहे हैं.