Israeli Attack on Gaza Family: गाजा पर इजरायली हमले में हजारों लोगों की मौत हो गई हैं. गाजा पट्टी में इजरायल ने पानी और सभी जरूरत के सामान पर रोक लगा दी है. लंदन में रहने वाले अहमद को एक रात गाजा में रह रहे अपने परिवार को चिंता से नींद नहीं आ रही थी. रात भर बेचैन रहने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि कुछ गड़बड़ है. 


बीबीसी ऊर्दू सेवा के मुताबिक, जब अहमद ने अपने परिवार से बात करने की कोशिश की तो उसे पता चला कि उसके पूरे परिवार की मौत हो चुकी है. उन्हें खबर मिली की एक इजरायली हवाई हमले में उनके घर को निशाना बनाया गया. इस हमले में उनके परिवार के 21 लोग मारे गए. हमले में उनके पिता, तीन बहनें, दो भाई और 15 बच्चे हमले की मौत हो गई. बीबीसी ऊर्दू सेवा के मुताबिक, अहमद को इतना गहरा सदमा लगा है कि वह परिवार के मृतकों के नाम और उम्र को याद नहीं कर पा रहे हैं.


बोनस मिलने के बाद दावत देने का किया था वादा


अहमद को उनके ऑफिस में बोनस दिया गया था. इसलिए परिवार की तय परंपरा के मुताबिक वह परिवार के सभी बच्चों को दावत देने रहे थे. वह बोनस के पैसों से सभी बच्चों के साथ पिकनिक मनाना चाहते थे. 


अहमद ने बीबीसी ऊर्दू से कहा, मैंने सभी बच्चों की फरमाइश पूरी की और उन्हें पिकनिक मनाने के लिए समंदर के किनारे जाने को कहा. समंदर के किनारे से उन्होंने मुझे वीडियो कॉल भी किया था, वीडियो कॉल पर बात करने के लिए सारे बच्चे आपस में झगड़ रहे थे, लेकिन अब उनमें से 15 की मौत हो चुकी है. 


अहमद के नौ भाई बहनों में से अब केवल दो बहनें और वो जिंदा हैं. अहमद ने सोशल मीडिया पर सारे बच्चों की तस्वीर पोस्ट की है. 


'हर रोज सौ बार मरता हूं'


इजरायली हमले में जीवित बचने वाली अहमद की भतीजी मलक 11 साल की है. धमाके के कारण उसका पूरा शरीर जल गया है. उसके शरीर पर पट्टी की कई परतें चढ़ी हैं. जब हमला हुआ तो मलक के पिता घर पर नहीं थे. जब उन्हें इस घटना की खबर हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. 


बीबीसी ऊर्दू के मुताबिक, अपनी बेटी को दर्द में देखकर मलक के पिता ने अहमद से कहा, "मैं हर रोज सौ बार मरता हूं, मेरे शरीर में अब कोई रूह नहीं बसती है."


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