Israel Hamas war: गाजा, वेस्ट बैंक और अमेरिका में रहने वाले 5 फिलिस्तीनियों ने इजरायली सेना को समर्थन देने के लिए US पर मुकदमा दायर किया है. उनका आरोप है कि अमेरिका ने मानवाधिकारों का हनन किया है. अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार (17 नवंबर) को घोषित मुकदमे में राज्य विभाग पर अमेरिकी संघीय कानून को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है. दायर मुकदमे में कहा गया है 7 अक्टूबर, 2023 को गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया है.
हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर बड़े पैमाने पर आतंकी हमला किया था जिसमें 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. माना जाता है कि उनमें से लगभग 100 अभी भी गाजा में कैद में हैं. वहीं दायर रिपोर्ट में में कहा गया है कि युद्ध शुरू होने के बाद से एक फिलिस्तीनी शिक्षक को सात बार जबरन इधर से उधर ले जाया गया और तो और उनके परिवार के 20 लोग इजरायली हमले में मारे गए.
इजरायल को सैन्य सहायता देना बंद करे अमेरिका
मुकदमे के साथ एक बयान में शिक्षक कहा, "अगर अमेरिका मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करने वाली इजरायल को सैन्य सहायता देना बंद कर दे तो मेरी पीड़ा काफी कम हो जाएगी. यह मामला लेही कानून के इर्द-गिर्द केंद्रित है. ये एक संघीय विनियमन है, जो अमेरिकी सरकार को विदेशी सैन्य इकाइयों को धन प्रदान करने से रोकता है. वो भी तब जब उन्हें मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन में शामिल रहने की पुख्ता जानकारी हो.
अमेरिका हर साल देता है पैसे
अमेरिकी विदेश विभाग ने कानून की व्याख्या करते हुए एक फैक्टशीट में कहा है कि उन उल्लंघनों में यातना, हत्याएं, जबरन गायब करना और बलात्कार शामिल हैं. अल जज़ीरा के अनुसार, अमेरिका इजरायल को सालाना कम से कम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान करता है. इस बीच रोड आइलैंड के प्रोविडेंस में ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में अनुमान लगाया है कि गाजा युद्ध की शुरुआत के बाद से बाइडेन प्रशासन ने अतिरिक्त 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर इजरायल को दिए हैं.
ये भी पढ़ें: ट्रंप ने दी भारत को धमकी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले- ये बहुत बड़ी गलती