'वह इतना खून फेंक रहा था...', हमास के हमले के बाद इजरायली जेल में फिलिस्तीनी बंदियों पर यातना, रिपोर्ट में दावा
Palestinian In Israel Jail: पांच साल बाद रिहा होकर आए एक पूर्व कैदी ने इजरायली जेल के अंदर का हाल बताया है. उसने दावा किया कि हमास के हमले के बाद इजरायली फोर्सेज ने फिलिस्तीनी बंदियों को यातनाएं दीं.
Israel Palestine Conflict: दक्षिणी इजरायल पर हमास के 7 अक्टूबर के हमले बाद इजरायली जेल में फिलिस्तीनी बंदियों को यातना दिए जाने का दावा एक पूर्व कैदी ने किया है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के गिल्बोआ जेल में पांच साल रहने के बाद 24 अक्टूबर को रिहा हुए पूर्व कैदी सलाह फतीन सलाह ने वहां का आंखों देखा हाल बताया है.
पूर्व कैदी ने दावा किया कि हमास के हमले के बाद 8 अक्टूबर की सुबह इजरायल की विशेष बल इकाइयों ने गिल्बोआ जेल की सेल में रेड की थी और वहां बंद फिलिस्तीनी कैदियों को हिंसक तरीके से पीटा.
'घुटनों के बाल बैठने और सिर हाथ रखने को कहा, फिर...'
23 वर्षीय पूर्व कैदी सलाह फतीन सलाह ने बताया, ''उन्होंने स्पीकर से चिल्लाकर सभी कैदियों को कमरों के अंदर जाने, घुटनों के बाल बैठने, सिर हाथ रखने और दरवाजे से दूर रहने के लिए कहा.'' उसने बताया, ''फिर वे अंदर आए और एक साथ कई कमरों में लोगों को अपने हाथों, पैरों और डंडों (जिनमें मेटल के डंडे भी थे) पीटना शुरू कर दिया... उन्होंने अपने कुत्ते हम पर छोड़ दिए.''
'वह बहुत ज्यादा खून फेंक रहा था...'
सलाह ने कहा, ''उन्होंने एक कैदी को पीटा जिसे डायबिटीज है और वह दिन में तीन इंजेक्शन लेता है. वह बहुत ज्यादा खून फेंक रहा था... हम दो घंटे तक चिंता में रहे कि वह जितना खून फेंक रहा था उससे वो शहीद हो जाएगा.''
'उनमें कोई मानवता नहीं'
सलाह ने बताया, ''इजरायली फोर्सेज की मार से एक अन्य व्यक्ति की माथा कट गया जो मेरी ही सेल में था. जेल की फर्श पर हर जगह खून था.'' पूर्व कैदी ने कहा कि पिटाई कई दिनों तक चलती रही. उसने कहा, ''उनमें (इजरायली फोर्सेज) कोई मानवता नहीं है. जो लोग बुजुर्गों और बीमारों को पीटते हैं, उनमें कोई मानवता नहीं होती. जेल का प्रमुख खुद हमें जान से मारने की धमकियां दे रहा था.''
इजरायली हिरासत में दो फिलिस्तीनी बंदियों की मौत का दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 अक्टूबर से गिरफ्तारी के तुरंत बाद इजरायली हिरासत में दो फिलिस्तीनी बंदियों की मौत हो चुकी है और दर्जनों घायल हुए हैं. हिरासत में मरने वाले दोनों फिलिस्तीनियों को बगैर किसी ट्रायल और आरोप के हिरासत में रखा गया था.
इन दो कैदियों की मौत
23 अक्टूबर को इजरायली अधिकारियों ने घोषणा की कि 56 वर्षीय फिलिस्तीनी कैदी उमर दाराघमेह को तबीयत बिगड़ने पर जेल क्लिनिक में ले जाने के बाद मेगिद्दो जेल में उनकी मौत हो गई. उमर दाराघमेह के बेटे ने बताया कि गिरफ्तारी से पहले उनके पिता की तबीयत ठीक थी.
वहीं, 24 अक्टूबर को रामल्ला के बाहरी इलाके में बेत सिरा गांव के डायबिटीज से पीड़ित 25 वर्षीय अराफात हमदान को गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद ओफर जेल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. फिलिस्तीनी प्रिजनर्स सोसाइटी के प्रवक्ता अमानी सारानेह ने कहा, ''जेलों के अंदर की स्थिति भयावह है.''
जंग में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें कि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 अक्टूबर से जारी हमास और इजरायल की जंग के चलते दोनों पक्षों से मिलाकर अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर चरमपंथी संगठन हमास ने अचानक घातक हमला किया था, जिसके जवाब में इजरायल ने युद्ध का ऐलान कर दिया था और तब से जंग जारी है.
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