Israel-Hamas War: जंग का मैदान बना अल-शिफा अस्पताल, इजरायल क्यों इसे कह रहा ह्यूमन शील्ड?
Gaza Al Shifa Hospital: व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, जो हमास कर रहा है वह जंग के कानूनों का उल्लंघन है. किसी अस्पताल से ऑपरेशन को अंजाम देना ठीक नहीं है.
Israel Human Shield Allegation: इजरायल और हमास जंग की शुरूआती दिनों से ही इजरायल ने हमास पर आरोप लगाए थे कि वह गाजा के नागरिकों का ह्यूमन शील्ड यानी मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है. युद्ध जैसे-जैसे आगे बढ़ा इजरायल अपने दावों पर जोर देता गया. इजरायली सेना ने आत्मरक्षा के अधिकार का हवाला देते हुए गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत की और इसी क्रम में अब इजरायली सेना गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा में दाखिल हो चुकी है.
सेना ने दावा किया कि हमास इस अस्पताल को मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है और अस्पताल के नीचे कई बंकर बनाए गए हैं जहां से हमास के लड़ाके इजरायल के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देते हैं. इसी दावे के सहारे इजरायली सेना ने अल-शिफा अस्पताल पर हमला किया और अब अस्पताल में घुसकर तलाशी ले रही है.
अल-शिफा अस्पताल से हथियार और ग्रेनेड मिलने का दावा
बुधवार (16 अक्टूबर) को अल-शिफा अस्पताल में दाखिल होने के बाद इजरायली सेना ने दावा किया कि उसे अस्पताल के भीतर ऑटोमेटिक हथियार, हैंड ग्रेनेड और खुफिया जानकारी जुटाने वाले साजो सामान मिले हैं. सेना ने दावा किया कि उन्हें अल-शिफा में हमास लड़ाकों की वर्दी भी मिली है. इजरायली सेना ने अल-शिफा के एमआरआई सेंटर की तलाशी ली और हथियार बरामद किए.
Watch as LTC (res.) Jonathan Conricus exposes the countless Hamas weapons IDF troops have uncovered in the Shifa Hospital's MRI building: pic.twitter.com/5qssP8z1XQ
— Israel Defense Forces (@IDF) November 15, 2023
हमास का इनकार
अलजजीरा के मुताबिक, हमास के एक अधिकारी इज़्ज़त अल-रेशिक ने इजरायल के आरोपों से इनकार किया कि उनका संगठन अस्पताल को एक मानवीय ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा था. वहीं नॉर्वेजियन डॉक्टर मैड्स गिल्बर्ट सहित अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की टीम ने कहा कि उन्हें अस्पताल में कभी भी किसी सैन्य गतिविधि के कोई संकेत नहीं मिले.
इजरायल की ओर से किए गए दावों का समर्थन अमेरिका ने भी किया है. अमेरिका ने कहा, "हमारी खुफिया जानकारी के मुताबिक पता चला है कि अल-शिफा सरीखे कई अस्पतालों में हमास ने बंकर बना रखे हैं ताकि वह बंधकों को रख सके और अपने ऑपरेशन चला सकें."
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, जो हमास कर रहा है वह जंग के कानूनों का उल्लंघन है. किसी अस्पताल से ऑपरेशन को अंजाम देना ठीक नहीं है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या जंग में किसी अस्पताल पर हमला करना या अस्पताल को मानवीय ढाल की तरह इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक जायज है?
क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?
जिनेवा कन्वेंशन के प्रोटोकॉल I के मुताबिक, किसी भी जंग में कोई पक्ष अगर नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करता है तो उसे युद्ध अपराध माना जाएगा. वहीं युद्धग्रस्त क्षेत्र में अस्पतालों को मानवीय कानून के तहत संरक्षित किया जाता है, लेकिन अगर अस्पताल के परिसर का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है तो यह दर्जा ख़त्म हो जाता है.
कानून के मुताबिक अगर कोई अस्पताल मानवीय ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है तो उस पर हमला करने पर कोई पक्ष युद्ध अपराध का दोषी नहीं होगा, बल्कि अस्पताल को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाला पक्ष हमले का दोषी होगा.
इजरायल के दावे में कितना दम?
ब्रितानी अखबार द गार्जियन के मुताबिक, इजरायल ने हमास पर मानव ढाल के इस्तेमाल का जो आरोप लगाया है, उसके लिए किसी स्वतंत्र सबूत की पेशकश नहीं की है. अब तक इजरायल ने जो भी सबूत पेश किए हैं वो अस्पताल को अपने कब्जे में लेने के बाद पेश किए हैं, इसलिए उसके दावों की पुष्टि नहीं हो सकी है. ऐसे आरोपों की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के पर्यवेक्षकों के जरिए की जाती है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में हमास के खिलाफ सबूत दिए थे कि हमास के लड़ाके अंतरराष्ट्रीय संगठन के स्कूल को बेस की तरह इस्तेमाल कर रहे थे.
गाजा के नागरिकों को लेकर हमास कितना संवेदनशील?
हमास को गाजा में ठीक-ठाक समर्थन हासिल है. साल 2007 से गाजा में हमास सत्ता पर काबिज है. 16 सालों से वहां कोई चुनाव नहीं हुए हैं. 2022 में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हमास को सत्तावादी मिजाज का बताया था. एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, गाजा में नागरिकों के दमन का एक सामान्य माहौल है साल 2019 में बढ़ती महंगाई की वजह से होने वाले विरोध प्रदर्शनों को हमास ने बेहद क्रूर निपटाया था.
ये भी पढ़ें: