Israel Hamas War: हमास के खिलाफ मिल रहे ऑलआउट ऑपरेशन के संकेत, गाजा में IDF ने पर्चे ड्रॉप कर लोगों से कहा- 'सुरक्षित जगहों पर जाओ' | बड़ी बातें
Israel Hamas Conflict: इजरायल और हमास के बीच जंग करीब तीन हफ्तों से जारी है और आईडीएफ ने जमीनी स्तर पर छापे तेज कर दिए हैं. इजरायली सेना ने कहा है कि वह जंग के अगले चरण में आगे बढ़ रही है.
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Israel Palestine Conflict: इजरायल और हमास के बीच जंग शनिवार (28 अक्टूबर) को 22वें दिन में प्रवेश कर गई. हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में घातक हमला किया था, तब से दोनों पक्षों के बीच जंग जारी है. दोनों पक्षों से मिलाकर अब तक 9 हजार से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं.
इजरायली सेना पहले कह चुकी है कि वह हमास को नेस्तनाबूत करने के लिए जमीनी अभियान चलाएगी. अब आईडीएफ ने कहा है कि वह जंग के अगले चरण में आगे बढ़ रही है तो इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कह दिया है कि गाजा में चल रहा जमीनी अभियान बहुत स्पष्ट उद्देश्यों के साथ हमास के साथ युद्ध का दूसरा चरण है.
वहीं गाजा में आसमान से साथ-साथ उसके जमीनी हमले तेज हो गए हैं. उत्तरी गाजा में लोगों से जगह खाली करके सुरक्षित ठिकानों पर जाने के लिए कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में संभावना जताई गई है कि इजरायल के एक्शन को देखते हुए गाजा में हमास के खिलाफ ऑलआउट ऑपरेशन के संकेत मिल रहे हैं. आइये जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम की बड़ी बातें.
1. इजरायल डिफेंस फोर्सेज के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हर्जी हलेवी ने चार मिनट का एक वीडियो अपडेट दिया, जिसमें बताया गया कि इजरायल युद्ध की अगले स्टेज में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ''हमारी सेनाएं इस वक्त गाजा पट्टी में जमीन पर काम कर रही हैं. हलेवी ने आगे कहा कि आईडीएफ के सबसे अच्छे सैनिक और कमांडर गाजा में ग्राउंड पर हैं और पिछले कुछ दिनों से इजरायली सेना ने हमास के कमांडरों को निशाना बनाना और उन्हें खत्म करना जारी रखा है. उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल के उद्देश्यों के लिए जमीनी अभियान की जरूरत है.
2. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने उत्तरी गाजा में ऐसे पर्चे ड्रॉप किए हैं, जिनमें कहा गया है कि यह एक 'युद्धक्षेत्र' है जो सुरक्षित नहीं है. इसमें कहा गया है कि लोगों को जगह खाली कर दक्षिण की चला जाना चाहिए.
3. शनिवार (28 अक्टूबर) को गाजा से दक्षिणी इजरायल में फिर से भारी संख्या में रॉकेट दागे गए. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिणी अश्कलोन शहर में कुछ रॉकेट गिरे हैं. इजरायली न्यूज वेबसाइट Ynet के मुताबिक, तेल अवीव के ठीक बाहर कीर्यत ओनो में एक कार पार्क में एक रॉकेट गिरा जिससे कई कारों में धमाका हो गया. हालांकि, इन रॉकेट हमलों में अभी किसी के हताहत होने की सूचना सामने नहीं आई है.
4. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा ने हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि इजरायली सरकार अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रही है. पीएम नेतन्यागू ने उनसे कहा, ''हम उन्हें (बंधकों को) हर हाल में वापस लाने का प्रयास करेंगे और संभावना इस्तेमाल करेंगे.'' नेतन्याहू ने कहा कि बंधकों को वापस लाना युद्ध के लक्ष्यों में से एक है.
5. इस्तांबुल में फिलिस्तीन के समर्थन मे कई गई एक रैली को तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संबोधित किया और इजरायल पर जमकर बरसे. उन्होंने गाजा में इजरायल के हमलों को 'नरसंहार' करार दिया. एर्दोगन ने यह भी कहा कि पश्चिमी सहयोगी इजरायल के जरिये युद्ध अपराधों के पीछे मुख्य अपराधी हैं. एर्दोगन ने कहा वह इजरायल को दुनिया के सामने एक युद्ध अपराधी घोषित करेंगे और इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. तुर्किए के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह हमास को एक आतंकी संगठन नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल को तुरंत पागलपन से बाहर आना चाहिए और जंग रोकनी चाहिए. वहीं, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू बगैर एर्दोगन का नाम लिए पलटवार किया. नेतन्याहू ने कहा, ''हम पर युद्ध अपराधों का आरोप मत लगाइए. अगर आप सोचते हैं कि आप हमारे सैनिकों पर युद्ध अपराधों का आरोप लगा सकते हैं तो यह पाखंड है. हम दुनिया की सबसे नैतिक सेना हैं."
6. फिलिस्तीन के समर्थन में की गई रैली में तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की ओर की गई टिप्पणी पर अमेरिका में इजरायली राजदूत गिलाड एर्दान ने तीखी प्रतिक्रिया दी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एर्दान यहां तक कहा, ''सांप तो सांप ही रहेगा.'' इजरायली राजदूत ने एर्दोगन पर एंटीसेमिटिक (यहूदियो का विरोध करने वाला) होने का आरोप लगाया.
7. करीब तीन हफ्ते से जारी जंग में अब तक दोनों पक्षों (इजरायली-फिलिस्तीनी) से मिलाकर नौ हजार से ज्यादा लोगों ने जानें गंवाई हैं. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में इजरायली हमलों में अब तक कम से कम 7,703 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, वहीं हमास के हमलों में इजरायल के 1,400 से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं.
8. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, रातभर और शनिवार को इजरायली बमबारी और तोपों से बरसते गोलों ने गाजा में संचार को बंद हो गया और सूचनाएं लगभग ब्लैकआउट हो गईं. हमलों में आई तेजी के कारण गाजा में इजरायल के पूर्ण जमीनी आक्रमण के करीब पहुंचने का संकेत मिलता है. फिलिस्तीनी टेलीकॉम प्रोवाइडर पल्टेल (Paltel) ने कहा कि बमबारी के चलते इंटरनेट, सेल्युलर और लैंडलाइन सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई हैं और क्षेत्र के 2.3 मिलियन (20 लाख से ज्यादा) लोग बड़े पैमाने पर बाहरी दुनिया से संपर्क से कट गए हैं, हालांकि, कुछ सैटेलाइट फोन काम कर रहे हैं.
9. इस बीच इजरायली सेना ने दावा किया है कि हमास ने गाजा के शिफा अस्पताल के नीचे अपना मुख्यालय बना रखा है, जहां से वह आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. शनिवार को आईडीएफ ने X हैंडल से एक पोस्ट के जरिये दावा किया कि शिफा अस्पताल के नीचे हमास का आतंकी मुख्यालय गाजा के लोगों और कर्मियों के ईंधन, पानी और ऑक्सीजन जैसी जरूरी चीजें इस्तेमाल कर रहा है. पोस्ट में कहा गया कि हमास आतंकवाद के उनका इस्तेमाल कर रहा है. इससे एक दिन पहले (27 अक्टूबर को) इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमास को लेकर इन आरोपों की पुष्टि की थी.
10. शुक्रवार (27 अक्टूबर) को संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में हमास और इजरायल के बीच संघर्ष विराम के लिए बहुमत से एक प्रस्ताव अपनाया गया. प्रस्ताव के पक्ष में 120 और विरोध में 14 वोट पड़े जबकि 45 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. भारत भी वोटिंग से दूर रहा क्योंकि इसमें हमास के आतंकी हमले की स्पष्ट निंदा शामिल नहीं की गई थी.
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