America Missile Defence System: गाजापट्टी लगातार बम और हिंसा की आग में झुलस रहा है. इजरायल के उत्तर में हिजबुल्लाह ने वार का नया फ्रंट खोल रखा है तो इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप अमेरिकी ठिकानों को ड्रोन से निशाना बना रहा हैं. यानी मिडिल ईस्ट में भड़की युद्ध की चिंगारी ने अब इजरायल के समर्थन में खड़े अमेरिका को भी झुलसाने लगी है. इस बीच अमेरिका ने फैसला किया है कि वह इजरायल में अब मिसाइल डिफेंस सिस्टम थाड की तैनाती करने जा रहा है.


शनिवार को जारी के बयान में अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने साफ कर दिया था कि अमेरिका मिडिल ईस्ट में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस यानी थाड तैनाती करने जा रहा है. थाड के लिए कहा जाता है कि यह पलभर में दुश्मन के मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लेता है और उसे बर्बाद कर देता है.


 अमेरिका का थाड कैसे काम करता है?


थाड मिसाइल मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को उनकी उड़ान के शुरुआती दौर में ही गिराने में सक्षम मानी जाती है. यह 'हिट टू किल' तकनीक पर काम करती है, मतलब यह सामने से आ रहे हथियार को रोकती नहीं बल्कि उनका नाम ओ निशां ही मिटा देती है. थाड की सबसे बड़ी ताकत ये है कि ये  मीडियम रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को ध्वस्त कर सकता है. ये 200 किमी. दूर तक और 150 किमी. की ऊंचाई पर भी मार करने में सक्षम है.


अमेरिका ने क्यों किया फैसला?


अमेरिका ने  ये फैसला इजरायल पर यमन, लेबनान से दागी जा रही मिसाइल को रोकने के लिए किया है. इसके साथ ही वो इराक में अपने बेस पर हो रहे हमलों को भी थाड के जरिए रोक सकता है. इजरायल-हमास जंग के बीच दोनों तरफ से ताकतवर मुल्क लामबंद होने लगे हैं. हमास को ईरान, सीरिया, यमन, जॉर्डन और लेबनान का साथ मिल रहा है.  वहीं दुनिया के ताकतवर मुल्क अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और यूरोपिय यूनियन इजरायल के साथ खड़े हैं. लेकिन इजरायल को हथियार सबसे ज्यादा अमेरिका से मिल रहे हैं. 


इजरायल को 81 फीसदी हथियार अमेरिका से मिलते हैं जबकि 15 फीसदी हथियार जर्मनी से मिलते हैं. हमास-इजरायल के साथ युद्ध के बीच पहले ही भू-मध्य सागर में दो जंगी बेड़ों USS गेराल्ड आर फोर्ड और USS आइजनहावर की तैनाती कर चुका है.


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