Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच जंग जारी है. दोनों तरफ से की जा रही जवाबी कार्रवाई को लेकर दुनिया दो हिस्सों में बंटी है. ऐसे में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच 50 मिनट तक फोन पर लंबी बातचीत हुई है जिसको काफी अहम माना जा रहा है. वार्तालाप के दौरान इजरायली पीएम नेतन्याहू ने रूस-ईरान के बीच "खतरनाक सहयोग" की कड़ी भर्त्सना की.
एचटी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान मंत्री कार्यालय ने कहा कि इजरायली प्रधान मंत्री ने हमास के खिलाफ इजरायल वॉर और क्षेत्र के हालातों को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से विस्तार से बात की. पुतिन के साथ हुई लंबी बातचीत के दौरान पीएम नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर रूसी प्रतिनिधियों की तरफ से इजरायल के खिलाफ रखे गए रुख पर भी नाराजगी जताई.
'कोई भी देश किसी हमले का पूरी ताकत से देता है जवाब'
इजरायली पीएमओ ने कहा, "प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि जिस भी देश पर इजरायल जैसा हमला होगा, वह उस देश से कम ताकत से जवाबी कार्रवाई नहीं देगा जैसा इजरायल कर रहा है."
'कोई नहीं होगा जो हमले के बाद कम बल के साथ मुकाबला करे'
उन्होंने व्लादिमीर पुतिन से यह भी कहा, "कोई भी ऐसा देश नहीं होगा जिसने इजरायल जैसा आपराधिक आतंकवादी हमला को झेला और उसके जवाब में इजरायल से कम बल के साथ मुकाबला किया हो.
'हमास ने अभी भी 137 लोगों को बनाया हुआ बंधक'
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने अभी भी 137 लोगों को बंधक बनाया हुआ है. रूस रेड क्रॉस का दौरा करे और बंधकों को दवा आदि मुहैया करवाने के लिए प्रेशर बनाए. इजरायल ने यह बात भी मजबूती के साथ रूस के समक्ष रखी है कि आतंकवादी समूह की तरफ से बंधक बनाए जाने के बाद से किसी भी मानवीय संगठन ने उनसे मुलाकात नहीं की है.
बातचीत को लेकर क्रेमलिन की तरफ से नहीं आया कोई बयान
इस बीच देखा जाए तो इजरायल ने हमास को निशाना बनाकर किए गए जवाबी हवाई, जमीनी और समुद्री हमलों की वजह से गाजा पट्टी में करीब 17,700 लोग मारे जा चुके हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे बताए गए हैं. हालांकि क्रेमलिन की ओर से इस बातचीत को लेकर किसी प्रकार को कोई नोट जारी नहीं किया गया है.
गौरतलब है कि हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर करीब 5000 रॉकेट लॉन्च कर बड़ा हमलाी किया था जिसमें मासूम, बच्चे और बुजुर्गों समेत करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 240 लोगों का गाजा में अपहरण कर लिया गया था. इजरायल-हमास के बीच सीजफायर के चलते कुछ बंधकों की रिहाई भी हुई थी.
संघर्ष विराम की मांग के प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो
वहीं, गाजा में संघर्ष विराम की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आये प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो किया है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने कहा कि आज का दिन मध्य पूर्व में सबसे काले दिनों में से एक बन जाएगा क्योंकि अमेरिका ने एक बार फिर युद्धविराम के आह्वान को रोक दिया है.
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