Israel Hamas War : गाजा पट्टी में पीछे हटने को मजबूर हो सकती है IDF, जानें कैसे हमास के लिए सुनहरा मौका हो सकता है युद्ध विराम
Israel Hamas war: शुक्रवार को हमास के कब्जे से 24 बंधकों को रिहा किया गया है, जिसमें इजरायल के 13 नागरिक हैं. इस युद्ध विराम का लाभ हमास को मिलने की आशंका है.
Israel Hamas war: इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के हमले के बाद गाजा पट्टी में इजरायली सैन्य बलों की भीषण कार्रवाई फिलहाल बंधकों की रिहाई की शर्त पर रुकी हुई है. इजरायल कैबिनेट की ओर से बंधकों की रिहाई के लिए हमास से डील हुई है और शुक्रवार (14 नवंबर) को 24 बंधकों को रिहा किया गया है. डील के मुताबिक हमास 10-10 बंधकों को छोड़ेगा और जब तक ऐसा होता रहेगा तब तक युद्ध विराम रहेगा. उसके कब्जे में 200 से अधिक बंधकों के होने की वजह से युद्ध विराम के 20 दिनों तक बढ़ाने के आसार हैं, जिसे हमास के लिए सुनहरा मौका माना जा रहा है.
हमास कैसे ले सकता है युद्ध विराम का लाभ
विशेषज्ञों की मानें तो इस मौके का लाभ हमास न केवल इजरायली सैन्य बलों के खिलाफ अपनी प्रतिरोधी तैयारी के लिए, बल्कि इजरायल पर और अधिक दबाव बढ़कर पूरी गाजा पट्टी से इजरायली सैन्य बलों की वापसी के लिए कर सकता है.
7 अक्टूबर के हमलों को प्लान करने वाला हमास का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार इसे एक बड़ी जीत के तौर पर देख रहा है. इजरायल के हमले में गाजा का उत्तरी हिस्सा लगभग बर्बाद हो गया है या फिर इजरायल के नियंत्रण में है.
कई इजरायली एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि सिनवार दक्षिणी गाजा में इजरायल के हमले को रोकने के लिए तैयारी कर सकता है. हालांकि माना जा रहा है कि 50 बंधकों को छोड़ने के बाद याह्या सिनवार दूसरे बंधकों को रोक कर रख सकता है, ताकि इजरायली सरकार पर बंधकों के परिवारों का दबाव बढ़े और पूरी सेना को हटाने की डील कराई जा सके.
इजरायल की सरकार को क्यों करनी पड़ी हमास से डील
हमास के चंगुल से बंधकों को छुड़ाने के लिए इजरायल को समझौता करना पड़ा, क्योंकि बंधकों में एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी, जो बुजुर्ग और बच्चे हैं. उनकी रिहाई में जितनी देर होगी, तकलीफ बढ़ती जाएगी. इजरायल कैबिनेट के पास कोई रास्ता नहीं था, इस कारण उसे समझौता करना पड़ा. हालांकि इजरायल पहले चाहता था कि सैन्य बल खूफिया एजेंसी मोसाद की मदद से बंधकों को ट्रैक करके उन्हें छुड़ा लाए, लेकिन सिर्फ एक बंधक को इजरायल ट्रैक कर पाया. इसलिए परिजनों का दबाव सरकार पर बढ़ रहा था और समझौता ही एक मात्र रास्ता था.
कैबिनेट ने किया था डील का समर्थन
इजरायल के एक मंत्री ने कहा था कि हमास को खत्म करने के लिए इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) के पास काफी समय है. हालांकि बुधवार को इजरायल की कैबिनेट के 38 सदस्यों में से 35 ने हमास से डील के समर्थन में मतदान किया. जाहिर तौर पर इजरायल हर हाल में सभी बंधकों की वापसी के लिए समझौता करना चाहता था. अब देखने वाली बात होगी कि गाजा पट्टी पर युद्धविराम कितने दिनों तक रहता है और इसका क्या कुछ परिणाम सामने आता है.