Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर को हुई, जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर हमला किया. हमास के लड़ाकों ने न सिर्फ इजरायल पर हमला बोला, बल्कि लोगों की हत्या की और उन्हें अगवा कर गाजा पट्टी लेकर चले गए. गाजा पट्टी वही जगह है, जहां हमास का कंट्रोल है. वहीं, इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी में जबरदस्त बमबारी की है, जिसकी वजह से पूरा का पूरा इलाका ही नेस्तनाबूद हो चुका है.
यही वजह है कि इजरायल-हमास युद्ध को 21वीं सदी से सबसे भीषण युद्ध में से एक कहा जा रहा है. इस युद्ध में इतने बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी. भले ही चार दिनों से युद्धविराम की वजह से शांति है, मगर फिर भी जंग की वजह से हुए नुकसान ने मानवीय संकट खड़ा कर दिया है. अस्पताल जर्जर हो चुके हैं और लोगों को खाने-पीने की किल्लत हो रही है. सात हफ्तों के युद्ध में बीच-बीच में मानवीय मदद भी भेजी जा रही है.
युद्ध में कितने लोगों की मौत हुई?
गाजा में मौजूद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायल की बमबारी की वजह से 14,800 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं. इसमें 6000 बच्चे और 4000 महिलाएं शामिल हैं. इजरायल ने बताया है कि 7 अक्टूबर को हुए हमले में इसके यहां 1200 लोग मारे गए, यानी कि दोनों पक्षों के 16000 लोग मारे जा चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि इजरायल-हमास के बीच 7 हफ्ते से चल रही जंग ने भयावह रूप धारण कर लिया है, जिससे दुनिया हैरान है.
21वीं सदी की सबसे भीषण जंग क्यों है इजरायल-हमास युद्ध?
अमेरिका के नेतृत्व में 21वीं सदी में इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में हुई जंग में जितनी तेजी से लोग नहीं मारे गए, उससे ज्यादा तेज गाजा में लोगों की मौत हो रही है. इराक में 2003 में हुए युद्ध में 12000 लोग मारे गए थे. एमनेस्टी इंटरनेशनल और एयरवॉर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट से सीरिया के रक्का शहर को छुड़ाने के लिए जब जून और अक्टूबर 2017 में अमेरिका के नेतृत्व में अभियान चलाया गया, तो 1600 लोगों की ही मौत हुई थी.
इजरायल ने गाजा में चलाए जा रहे अभियान की तुलना इराक के मोसुल शहर से इस्लामिक स्टेट को उखाड़ फेंकने से की है. अमेरिका ने ऐसा करने को लेकर इजरायल को चेतावनी भी दी है. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, मोसुल में 9 महीने तक चली जंग में 9000 से 11000 लोगों की मौत हुई, जबकि सात हफ्तों में से गाजा में 15000 के करीब लोग मारे जा चुके हैं. ये दिखाता है कि गाजा में कितनी तेजी से लोगों को जान गंवानी पड़ रही है.
संयुक्त राष्ट्र का एक और आंकड़ा है, जो बताता है कि इजरायल-हमास युद्ध बच्चों पर कितना भारी है. अब तक गाजा में 6000 फिलिस्तीनी बच्चों की मौत हो चुकी है. पिछले तीन सालों में युद्ध और आंतरिक संघर्ष की वजह से मारे जाने वाले बच्चों की संख्या की तुलना में गाजा में जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या दो गुना है. यूएन के मुताबिक, पिछले साल दुनिया के प्रमुख संघर्षों में 2985 बच्चे मारे गए, जबकि गाजा में अकेले 6000 बच्चों की मौत हुई है.