Israel-Hamas War Pakistan Connection: इजरायल और हमास के बीच बीते 50 दिनों से घमासान जंग जारी है. इस दौरान कई देशों ने फिलिस्तीन और इजरायल को अपना-अपना समर्थन दिया है. इसमें अमेरिका, भारत, फ्रांस, यूके, इटली ने इजरायल को अपना खुला समर्थन दिया है. दूसरी तरफ रूस, चीन, तुर्किए, ईरान समेत पाकिस्तान ने फिलिस्तीन को समर्थन दिया है. हालांकि, इसी बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आ रही है, जिसमें ये दावा किया जा रहा है पाकिस्तान इजरायल को 155 मिमी के गोले की सप्लाई कर रहा है.


एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पीपुल टॉक नामक अकाउंट ने फ्लाइट-ट्रैकर डेटा का हवाला देते हुए दावा किया कि ब्रिटिश एयरफोर्स का प्लेन बहरीन से पाकिस्तान के रावलपिंडी में नूर खान बेस तक उड़ान भरता है. इसके बाद वो ओमान के रास्ते साइप्रस में एक सहयोगी बेस तक पहुंचता है. बता दें कि हमास के साथ युद्ध के बीच साइप्रस में ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स का अक्रोटिरी बेस मौजूद  है, जो इजरायल को गोला-बारूद की सप्लाई करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सैन्य केंद्र के रूप में उभरा है.






पाकिस्तान का यूक्रेन कनेक्शन
पाकिस्तानी सरकार लगातार कहती रही है कि वह 1967 से पहले की सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और पूर्वी यरुशलम को फिलिस्तीन की राजधानी बनाने तक इजरायल के साथ सामान्य संबंध नहीं बनाएगी. हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्तान का तुर्किए के रास्ते इजरायल तक पहुंचने का लंबा इतिहास रहा है.


2009 में विकीलीक्स ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इजरायल को मुंबई में आगामी आतंकवादी हमले - 26/11 हमले - के प्रति आगाह किया था, जब पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने एक यहूदी सांस्कृतिक केंद्र को भी निशाना बनाया था.


सितंबर 2023 में द इंटरसेप्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिका को गुप्त पाकिस्तानी हथियारों की बिक्री से इस्लामाबाद को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बहुप्रतीक्षित बेलआउट में मदद मिली. कथित तौर पर हथियारों की बिक्री यूक्रेनी सेना को 155 मिमी के गोले की आपूर्ति करने के उद्देश्य से की गई थी.


पाकिस्तान इजरायल को मानता है अवैध
पाकिस्तान दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जो इजरायल को मान्यता नहीं देता है. 1947 में अपनी स्थापना के समय पाकिस्तान ने फिलिस्तीन के लिए संयुक्त राष्ट्र विभाजन योजना के विरुद्ध मतदान किया. पाकिस्तानी पासपोर्ट के बैकपेज पर एक चेतावनी नोट लिखा होता है कि ये पासपोर्ट इजरायल को छोड़कर दुनिया के सभी देशों के लिए वैध है.


इजरायल को कई देश हथियारों से कर रहे मदद 
इजरायली अखबार हारेत्ज़ की रिपोर्ट के मुताबिक 40 से अधिक अमेरिकी ट्रांसपोर्ट प्लेन, 20 ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट प्लेन और 7 भारी ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर मशीन, हथियार और सेना को लेकर RRF अक्रोटिरी के लिए उड़ान भरे हैं.


इसके अलावा नेगेव रेगिस्तान के पास दक्षिणी इजरायल में स्थित नेवातिम एयरफोर्स बेस पर उतरने वाले अमेरिकी विमानों ने इजरायल की सेना के लिए हथियार पहुंचाए हैं. वहीं अमेरिकी विमान तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट पर उतरे हैं और अन्य चीजों के अलावा बख्तरबंद वाहन भी ले गए हैं.


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