Gaza Post War Plan: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने इजरायल-हमास जंग के बीच एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर भविष्य में फिलिस्तीन देश बनता है तो उसमें कोई सेना नहीं होगी.
अब्देल अल-सीसी बोले, "अगर फिलिस्तीन देश बनता है तो हम इसमें सेना नहीं रखेंगे, लेकिन हमें यहां सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए. इसलिए सुरक्षा के तौर पर अंतरराष्ट्रीय सेना तैनात होनी चाहिए. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र, नाटो, यूएन, अमेरिका या किसी भी अरब देश की सेनाएं तैनात की जा सकती हैं."
अरब देशों ने किया था इनकार
उन्होंने कहा कि ये सेनाएं तब तक रहें जब तक इलाके के लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर लेते. गौरतलब है कि अरब देश उस प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं जिसके तहत जंग के बाद गाजा पर अरब देशों के सेनाओं की तैनाती की जानी थी. जॉर्डन के विदेश मंत्री ने कहा कि हम गाजा में अपने सैनिक नहीं उतारना चाहेंगे क्योंकि हमें नहीं जानते कि इजरायल कब क्या कर दें, हो सकता है इजरायल उस इलाके पर हमला कर उसे फिर से बंजर बना दें.
गाजा में कैसे हैं हालात?
इजरायल-हमास के बीच हुए अस्थाई सीजफायर के बाद गाजा में इजरायली सेना ने हमले पर रोक लगा दी है. हालांकि हमास ने इजरायल पर समझौते के उल्लंधन का आरोप लगाया है. दरअसल दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के तहत तय हुआ था कि 4 दिन के सीजफायर के बदले हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा, जबकि इजरायल को भी अपने जेलों में से 150 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना होगा. इसके अलावा हमास ने शर्त रखी थी इजरायल गाजा में आने वाले ट्रकों को नहीं रोकेगा और ड्रोन से गाजा की निगरानी नहीं करेगा.
लेकिन अब हमास आरोप लगा रहा है कि इजरायल ने गाजा में आने वाले ट्रकों को रोक दिया है और ड्रोन से गाजा शहर की निगरानी कर रहा है. हालांकि इजरायल ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है.