Israel-Hamas War: इजरायली हवाई हमले का कहर! धमाके में खत्म हो गई फिलिस्तीनी कवि रेफात अलारेर की जिंदगी, पूरे परिवार की मौत
Israel-Hamas War: अक्टूबर में इजरायल की तरफ से जमीनी आक्रमण शुरू करने के कुछ दिनों बाद अलारेर ने उत्तरी गाजा को छोड़ने से इनकार कर दिया था. इसके बाद गुरुवार को इजरायली हवाई हमले में कवि की मौत हो गई.
Israel-Hamas War Palestine Poet Died: इजरायल और हमास के बीच जारी खूनी जंग में लोगों की मौत हो रही है. इसी बीच गुरुवार (7 दिसंबर) को इजरायल के हवाई हमले में मशहूर फिलिस्तीनी कवि रेफ़ात अलारेर की मौत हो गई. इस बात की जानकारी रेफ़ात अलारेर के एक मित्र गज़ान कवि मोसाब अबू तोहा ने दी. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मेरा दिल टूट गया है. मेरे दोस्त रेफ़ात अलारेर को उनके परिवार समेत कुछ देर पहले मार दिया गया.
गज़ान कवि मोसाब अबू तोहा ने अपने दोस्त रेफ़ात अलारेर के बारे में जिक्र करते हुए लिखा कि मैं इस (मौत) पर विश्वास नहीं करना चाहता. हम दोनों को एक साथ स्ट्रॉबेरी तोड़ना पसंद था. इसके अलावा रेफ़ात अलारेर के एक और दोस्त अहमद अलनाउक ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि रेफ़ात की हत्या दुखद, दर्दनाक और अपमानजनक है. यह एक बहुत बड़ी क्षति है.
कई लोगों ने मौत पर जताया दुख
अक्टूबर में इजरायल की तरफ से जमीनी आक्रमण शुरू करने के कुछ दिनों बाद अलारेर ने उत्तरी गाजा को छोड़ने से इनकार कर दिया था. इसके बाद गुरुवार को इजरायली हवाई हमले में कवि की मौत हो गई. उनकी मौत पर लिटरेरी हब वेबसाइट ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उनकी मौत पर लेखक और पत्रकार रामज़ी बरौद ने एक्स पर लिखा कि अलारेर की आत्मा को शांति मिले. हमें आज और आने वाले कल में आपके ज्ञान से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.
You win Refaat. And we lose. You are in a better place now, unlike us. I envy you now. And I feel sorry for me.
— Ahmed Alnaouq (@AlnaouqA) December 7, 2023
Rest in peace Refaat. Rest in peace…
pic.twitter.com/eEwjTz09nY
इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ गाजा में अंग्रेजी के प्रोफेसर
अलारेर इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ गाजा में अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर थे. उन्होंने अन्य विषयों के अलावा शेक्सपियर से जुड़े विषयों को भी पढ़ाया था. वो वी आर नॉट नंबर्स प्रोजेक्ट के सह-संस्थापकों में से एक थे. ये प्रोजेक्ट गाजा के लेखकों को विदेश में सलाहकारों के साथ जोड़ने में मदद करता था. वे अपने अनुभवों के बारे में अंग्रेजी में कहानियां लिखते थे. अलारेर ने नवंबर में एक्स पर इफ आई मस्ट डाई शीर्षक से एक कविता प्रकाशित की थी, जिसे हजारों बार साझा किया गया. उन्होंने अपनी कविता के आखिरी लाइन में लिखा था ''अगर मुझे मरना ही है, तो इसे आशा लाने दो, इसे एक कहानी बनने दो".
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