Israel Palestine Conflict: इजरायल और हमास युद्ध में मंगलवार (17 अक्टूबर ) को गाजा पट्टी के अल-अहली अरब अस्पताल पर मिसाइल अटैक में करीब 500 लोगों की मौत हुई. इस घटना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा हो रही है. यह हमला इजरायल, हमास या फिर इस्लामिक जिहाद ने किसने किया, यह अभी साफ नहीं हो सका है. सभी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.


इस हमले के बाद से ही दुनियाभर में इस अटैक की निंदा हो रही है. कई देशों ने इस मामले पर इजरायल को घेरा. इसके बाद इजरायल ने सफाई दी. इजरायली आर्मी का कहना है कि इस हमले के पीछे फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद का हाथ है. उसने इससे जुड़े कुछ सबूत भी पेश किए हैं. इससे अलग हमास दावा कर रहा है कि यह हमला इजरायली सेना ने किया है. आइए जानते हैं आखिर किसका दावा सही है और किसका गलत.


क्या कहता है इजरायल


इज़राइल का कहना है कि अस्पताल पर विस्फोट फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) सशस्त्र समूह की ओर से लॉन्च किए गए एक असफल रॉकेट के गिरने की वजह से हुआ है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "आईडीएफ ऑपरेशनल सिस्टम के विश्लेषण से पता चलता है कि गाजा में आतंकवादियों की ओर से रॉकेटों की बौछार की गई थी, ये सभी रॉकेट गाजा में अल अहली अस्पताल के करीब से गुजर रहे थे. हमारे हाथ लगे कई स्रोतों से मिली खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि गाजा में अस्पताल पर उन्हीं में से एक असफल रॉकेट गिरने के बाद विस्फोट हुआ.


इजरायली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने भी मीडिया को बताया कि हमले के समय पीआईजे की ओर से दागे गए रॉकेटों में से ही एक रॉकेट अस्पताल पर गिरा है. हमारे सैन्य ड्रोन फुटेज में अस्पताल पर हमले का एक फुटेज है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में विस्फोट के समय इलाके में इजरायली वायु सेना का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन यह एक अलग तरह के गोला-बारूद के साथ था जो हमारे पास मौजूद अस्पताल के फुटेज से फिट नहीं बैठता है."


क्या कहता है पीआईजे?


वहीं, पीआईजे ने इजरायल के आरोपों को खारिज किया है. उसका कहना है कि " दुश्मन अपने झूठ गढ़कर और फ़िलिस्तीन में इस्लामिक जिहाद आंदोलन पर दोष मढ़कर, गाजा में हॉस्पिटल पर बमबारी करके किए गए क्रूर नरसंहार के लिए अपनी ज़िम्मेदारी से बचने की पूरी कोशिश कर रहा है. दुश्मन की ओऱ से लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं." हमास से जुड़े कुछ लोगों ने अल-जजीरा को बताया कि इजरायल पहले भी ऐसे झूठे आरोप लगा चुका है. उदाहरण के लिए हमारे सहयोगी शिरीन अबू अकलेह की हत्या को लीजिए. उस रिपोर्ट के शुरुआती चरणों में,  इजरायलियों ने जेनिन शिविर के लड़ाकों को उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था. बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा किया था.''


क्या कहती है पड़ताल


दोनों पक्षों के दावों के बीच बीबीसी ने अलजजीरा के वीडियो फ़ुटेज, स्टिल इमेजरी, मौके पर जाकर (जहां तक जा सकते हैं) और प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत करके यह जानने की कोशिश की है कि आखिर सच क्या है. बीबीसी ने विस्फोट से जुड़े वायरल फुटेज को करीब 20 हथियार एक्सपर्ट को दिखाया और यह जानने का प्रयास किया कि क्या इसी से अस्पताल में तबाही मची है. इसमें से 6 से बातचीत हुई, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. तीन एक्सपर्ट ने बताया कि यह उस चीज़ के अनुरूप नहीं है जो आप बड़े हथियारों के साथ एक सामान्य इज़रायली हवाई हमले से उम्मीद करते हैं.


अमेरिका में वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर जे एंड्रेस गैनन का कहना है कि जमीनी विस्फोट छोटे प्रतीत होते हैं, जिसका अर्थ है कि प्रभाव से उत्पन्न गर्मी किसी हथियार से विस्फोट के बजाय बचे हुए रॉकेट ईंधन के कारण हो सकती है.


यूके स्थित रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के सीनियर रिसर्चर जस्टिन ब्रॉन्क भी इससे सहमत हैं. उनका कहना है कि सबूतों से ऐसा लगता है कि विस्फोट एक असफल रॉकेट के कार पार्किंग एरिया में गिरने के बाद ही लग रहा है.


गैनन कहते हैं कि जो फुटेज वायरल हो रहा है, उससे यह साफ नहीं हो रहा है कि वह अस्पताल को ही लक्ष्य बनाकर आ रहा था. पर आकाश में जिस तरह से रॉकेट चमकता दिख रहा है, उससे संकेत मिलता है कि रॉकेट का इंजन अत्यधिक गर्म हो गया और उसने काम करना बंद कर दिया होगा.


एक्सपर्ट से बात करके क्या निकला निष्कर्ष


बीबीसी को जितने भी एक्सपर्ट ने फुटेज का मूल्यांकन करके बताया, उससे साफ होता है कि वह इजरायल को इस विस्फोट के लिए दोषी नहीं मान रहे हैं. उन्हें इजरायल की ओर से रॉकेट के मिसफायर वाली बात ज्यादा मजबूत लग रही है.




विस्फोट स्थल के पास मौजूद सबूत क्या कहते हैं


बीबीसी ने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध उपग्रह फोटो के साथ अस्पताल की बिल्डिंग की डिटेल और अल-अहली अस्पताल स्थल के लेआउट का मिलान ये जानने के लिए किया कि क्या अस्पताल ही विस्फोट पॉइंट था. उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर ऐसा पता चलता है कि विस्फोट अस्पताल के बाहरी कैंपस में हुआ. विस्फोट के बाद जमीन की तस्वीरें अस्पताल के आसपास की इमारतों को ज्यादा क्षति नहीं दिखा रही हैं. तस्वीरों में विस्फोट के बाद आग से जलने के निशान और जली हुई कारें ही दिख रही हैं. मौके पर कुछ फोटो में छोटा सा गड्ढा भी दिख रहा है. इजरायल की आईडीएफ का कहना है कि बड़े गड्ढे का न होना, या आसपास की इमारतों को विस्फोट से क्षति नहीं होना, यह साबित करता है कि विस्फोट इजरायल के हथियारों के कारण नहीं हुआ है.




मौके पर नहीं दिख रहे मिसाइल के टुकड़े


मौके पर मिसाइल के टुकड़े नजर नहीं आ रहे हैं. इस मलबे से आसानी से पहचान हो जाती कि वह किसका था. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर उन मलबों को किसने हटाया.


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