War Crime: इजरायल-हमास युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के 9000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. 7 अक्टूबर को हमास की ओर से किए गए हमलों में लगभग 1400 इजरायलियों की मौत हुई. लेकिन इस हमले के जवाब में इजरायल ने रक्षा अभियान शुरु कर दिया. इजरायली हमले के बाद गाजा में लगभग 7000 लोगों की मौत हो गई है. गाजा पर व्यापक हमले के बाद दुनिया भर में इजरायल पर सवाल उठने लगे.कई देशों ने इसे युद्ध अपराध बताया और इजरायल पर कार्रवाई की वकालत की, जबकि इजरायल अपने हमलों को रक्षा का अधिकार बताता रहा है. 


क्या है युद्ध अपराध?


किसी भी दो देशों या पक्षों के बीच युद्ध के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय नियम बनाए गए है, लेकिन अगर कोई देश इन कायदों का उल्लंघन करता है तो वह युद्ध अपराध के दायरे में आते है.ये कानून कई संधियों के दौरान बनाए गए हैं जिनमें 1949 के जिनेवा कन्वेंशन और 1899 और 1907 के हेग कन्वेंशन शामिल हैं. युद्ध अपराध के उल्लंघन के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में मुकदमा चलाया जाता है.


युद्ध अपराध के उल्लंघन के अनुछेद 6 में नरसंहार का जिक्र है जिसमें कहा गया है कि अगर कोई देश या कोई संगठन किसी खास नस्ल, धार्मिक समूह या राष्ट्रीयता के लोगों को टारगेट कर के उन्हें मारता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.वहीं अनुछेद 7 नागरिकों के की रक्षा के लिए है. अगर कोई देश युद्ध में आम नागरिकों को टारगेट कर है तो वह युद्ध अपराध की कैटेगरी में आएगा.


कैसे मिलती है युद्ध अपराधियों को सजा?


किसी भी युद्ध अपराध के आरोपी के खिलाफ आईसीसी जांच शुरू कर सकता है.जब एक बार युद्ध अपराध साबित हो जाए तो फिर संयुक्त सेना उस देश के शीर्ष नेता के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है. अगर ये संभव न हो तो अपराध के जिम्मेदार इंसान के खिलाफ वारंट निकाली जाती है. इसके बाद सभी आईसीसी के सभी सदस्य देश उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य हो जाता है.


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