Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच लगभग 48 घंटो से युद्ध जारी है. दुनिया के तमाम देशों ने दोनों पक्षों के बीच हिंसक हमलों को लेकर प्रतिक्रिया दर्ज कराई है. भारत के प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि भारत इजरायल के साथ है. इसके बाद कयास लगाए जाने लगे की रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ भूमिका निभाने वाला भारत इजरायल के समर्थन में खड़ा है.


दरअसल भारत सरकार ने इजरायल-फिलिस्तीन विवाद पर अब तक कोई रूख साफ नहीं किया. पीएम मोदी ने गाजा पट्टी पर कब्जा करने वाले चरमपंथी संगठन हमास के हमले पर आपत्ति जाहिर की है. हमास ने जैसे ही इजरायल पर हमले की शुरूआत की दुनिया दो गुटों में बंट गई, लेकिन भारत ने अब तक इसपर कोई बयान नहीं दिया, इस मामले में भारत ने अब तक सिर्फ अपने नागरिकों को सतर्क रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. 


फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व किसके पास?


इजरायल की सीमा उत्तर में लेबनान, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन, दक्षिण में मिस्त्र और पश्चिम की सीमा गाजा और भूमध्य सागर से मिलती है. फिलिस्तीन दो धड़ो में बंटा हुआ है. पहला धड़ा भूमध्य सागर के किनारे बसा है, इसे गाजा पट्टी के नाम से जाना जाता है. वहीं दूसरा धड़ा पश्चिम में जॉर्डन से सटा है जिसे वेस्ट बैंक कहते हैं. गाजा पर हमास का कब्जा है और वेस्ट बैंक पर फताह की सरकार चलती है, जिसे भारत का समर्थन है. 


कैसे रहे हैं भारत फिलिस्तीन के संबंध 


भारत फिलिस्तीन की मांगों का समर्थन करता रहा है. साल 1947 में भारत फिलिस्तीन के बंटवारे के खिलाफ खड़ा था. 1970 के दशक में भारत ने पीएलओ और उसके नेता यासिर अराफात का समर्थन किया था. इसके बाद 1975 में भारत ने पीएलओ को मान्यता दी थी. इसके बाद भारत पहला गैर-अरब देश था जिसने पीएलओ को मान्यता दी थी.1988 में भारत ने फिलिस्तीन को एक देश के रूप में औपचारिक तौर पर मान्यता दी थी.


भारत ने साल 1996 में फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना के बाद गाजा में अपना रेप्रेजेंटेटिव ऑफिस भी खोला था. हालांकि 2003 में इसे 'रामाल्लाह' में शिफ्ट कर दिया गया. रामाल्लाह वेस्ट बैंक की इलाके में एक शहर है जो जुडी की पहाडियों से घिरा हुआ है. फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने साल 2008 में भारत दौरे के दौरान नई दिल्ली में फिलिस्तीनी दूतावास भवन का शिलान्यास किया था. 


भारत इजरायल संबंध


भारत ने 1950 में इजरायल को मान्यता दी थी. हालांकि, 1992 से पहले भारत के इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं थे. 1992 में पहली बार भारत ने इजरायल के साथ अपने कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे. साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने इजराइल के खिलाफ एक प्रस्ताव लाय था. इस प्रस्ताव में गाजा इलाके में इजरायल के मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांंच शामिल था. इस प्रस्ताव पर भारत ने इजराइल के खिलाफ वोट करने से किनारा कर लिया था. 


फिलहाल जानकारों का कहना है कि, इजरायल फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत का रूख तटस्थ और शांति बहाल करने पर होगा, लेकिन हमास को लेकर भारत आपत्ति जाहिर कर सकता है.


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