इजरायल हमास युद्ध: वेस्टबैंक में बवाल, हमले में भारतीय मूल के इजरायली सैनिक की गई जान
Israel-Hamas War: इजरायली सेना ने बताया कि स्टाफ सार्जेंट गेरी गिदोन हंगहल, जो कि बेनी मेनाशे समुदाय से थे, नोफ हागालिल के निवासी थे. इसके अलावा वे केफिर ब्रिगेड की नहशोन बटालियन में सैनिक थे.
Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच आर-पार की जंग जारी है. दोनों पक्ष एक दूसरे पर जवाबी कार्रवाई भी कर रहे हैं. इस बीच पश्चिमी तट में बढ़ते तनाव के बीच बुधवार (11 सितंबर) को बेत अल बस्ती में एक 24 साल भारतीय मूल के इजरायली सैनिक की हत्या कर दी गई. इजराइली सेना ने कहा कि स्टाफ सार्जेंट गेरी गिदोन हंघल (24) केफिर ब्रिगेड की नहशोन बटालियन में सैनिक थे. वह नोफ हागालिल के निवासी थे.
बेनी मेनाशे समुदाय के सदस्यों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि वे आसफ जंक्शन के पास "एक युवा की मौत की खबर से सदमे में हैं" और गुरुवार 912 सितंबर) को अंतिम संस्कार किया जाएगा. 2020 में, गेरी गिदोन हंघल भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र से इज़राइल चले गए.
नोफ़ हागलिल शहर मना रहा शोक- मेयर
इस दौरान नोफ़ हागलिल के मेयर रोनेन प्लॉट ने बताया कि "नोफ़ हागलिल शहर स्टाफ़ सार्जेंट गेरी गिदोन हंघल के निधन पर शोक मना रहा है. गिदोन बेनी मेनाशे समुदाय का सदस्य था, जो मेरे दिल के बहुत करीब है. बता दें कि, करीब 300 बेनी मेनाशे युवा चल रहे युद्ध के दौरान सेना की ड्यूटी पर हैं. इनमें से अधिकांश लड़ाकू यूनिट में काम करते हैं.
जानें मणिपुर और मिजोरम से क्या है तालुल्क?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर और मिजोरम से ताल्लुक रखने वाले बनेई मेनाहसे के सदस्यों के बारे में माना जाता है कि वे प्राचीन काल की “खोई हुई जनजातियों” में से एक, मेनसेह की इज़राइली जनजाति के वंशज हैं. पिछले 5 सालों में समुदाय के लगभग 1,500 सदस्यों के इज़राइल चले जाने की बात कही जाती है. बताया जा रहा है कि अब तक कुल मिलाकर लगभग 5,000 लोग इज़राइल चले गए हैं.
क्या है मामला?
घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि फलस्तीनी लाइसेंस प्लेट वाला एक ट्रक रुकने से पहले बिजी राजमार्ग पर तेज स्पीड से एक बस पड़ाव के पास स्थित इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) की चौकी से टकराता है. इजराइली सुरक्षा सूत्रों ने संदिग्ध का नाम 58 वर्षीय हायिल धाइफल्लाह बताया है, जोकि मध्य पश्चिमी तट के शहर रफत का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि सार्जेंट हंघल 2020 में भारत के पूर्वोत्तर भाग से इजराइल में आकर बस गए थे. यह हमला पश्चिमी तट से शुरू हुए आत्मघाती बम विस्फोटों और गोलीबारी की लगातार घटनाओं के बाद हुआ है.