Israel-Hamas War: इजरायल और फलस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच सात अक्टूबर से जंग जारी है. इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनई ने फलस्तीन में हुई बच्चों की मौत को लेकर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया. 


आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनई ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'अमेरिका के हाथ फलस्तीन के मजलूम बच्चों के खून से रंगीन हैं.'' उन्होंने दावा किया कि गाजा में हो रहे अपराध को यूएस मैनेज कर रहा है. 


खामेनई ने आगे कहा कि दुनिया फलस्तीन के नए भविष्य की दुनिया होगी. दरअसल इजरायल आरोप लगाता रहा है कि ईरान ने हमास की आर्थिक मदद की है. वहीं ईरान ने इस दावे को खारिज किया है. 






अमेरिका और पश्चिमी देश क्या कह रहे हैं?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच हाल ही में फोन पर बात हुई. 


इसके बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर था, “नेताओं ने इजरायल और आतंकवाद के खिलाफ खुद की रक्षा के उसके अधिकार के प्रति अपना समर्थन दोहराया. उन्होंने इजरायल से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान भी किया.”


सात हजार से ज्यादा लोगों की गई जान 
इजरायल और हमास की जंग में सात हजार से ज्यादा लोगों की जान गई. इसमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, फलस्तीन के 6 हजार 546 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इजरायल में 1400 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई ने गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि इजरायली हमलों में जान गंवाने वालों में 2,300 नाबालिग हैं. 


इनपुट भाषा से भी.


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