Israel Hamas War: गाजा में अल-कुद्स अस्पताल से महज 20 मीटर दूर इजरायली टैंक, मरने वालों का आंकड़ा 12 हजार पार | बड़ी बातें
Israel Hamas War Update: हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद से इजरायल गाजा में कार्रवाई कर रहा है. हमलों में कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं. हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हुए हैं.
Israel Palestine Conflict: इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच शनिवार (11 नवंबर) को 36वें दिन जंग जारी है. अब तक इस संघर्ष के चलते मरने वालों का आंकड़ा 12 हजार की संख्या पार कर गया है.
फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट के हवाले से अलजजीरा ने की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायली टैंक गाजा में अल-कुद्स अस्पताल से महज 20 मीटर की दूरी पर है. संगठन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया कि अस्पताल में सीधी गोलीबारी से 14,000 विस्थापित लोगों के बीच भयंकर दहशत और भय की स्थिति पैदा हो गई है."
वहीं, अल-शिफा अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा है कि इजरायली बलों की कार्रवाई के चलते मेडिकल परिसर पूरी तरह से कट गया है और किसी भी चलते-फिरते व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है. इस बीच सऊदी अरब ने इजरायल और हमास की जंग पर चर्चा के लिए अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन के संयुक्त शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है.
इजरायल और हमास की जंग में अब तक कितने लोगों की मौत?
अलजजीरा के मुताबिक, 7 अक्टूबर से गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 11,078 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं, इजरायल में हमास के हमलों में 1,200 से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं.
अल-शिफा अस्पताल पर नहीं कर रहे गोलीबारी- इजरायली सेना का दावा
इजरायली सेना के एक अधिकारी ने दावा किया है कि आईडीएफ गाजा में अल-शिफा अस्पताल पर गोलीबारी नहीं कर रही है. एक वीडियो में अधिकारी ने कहा कि अस्पताल के आसपास हमास के लड़ाकों के साथ इजरायली सेना की झड़पें हो रही हैं लेकिन फैसिलिटी (अस्पताल) को टारगेट नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग वहां से निकलना चाहते हैं, वे परिसर के पूर्वी हिस्से से सुरक्षित रूप से निकल सकते हैं.
शनिवार (11 नवंबर) को इजरायली सेना की एक शाखा कोगाट के कर्नल मोशे टेट्रो ने कहा, "अस्पताल में कोई गोलीबारी और कोई घेराबंदी नहीं हुई है." हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पताल के आसपास आईडीएफ सैनिकों और हमास के आतंकी गुर्गों के बीच झड़पें हो रही हैं.
अल-शिफा हॉस्पिटल के डायरेक्टर क्या बोले?
अलजजीरा के मुताबिक, इससे पहले अस्पताल के डायरेक्टर मुहम्मद अबू सल्मिया और गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के उप निदेशक डॉ. यूसुफ अबू अल-रीश ने अल-शिफा हॉस्पिटल के अंदर फोन पर बताया था कि इजरायली टैंक परिसर को घेरे हुए हैं और उनसे गोलाबारी की जा रही है. उन्होंने बताया था कि परिसर के भीतर जाने या उससे बाहर आने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को लेकर इजरायली स्नाइपर फायर का खतरा लगातार बना हुआ है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अल शिफा के एक सर्जन ने पहले बताया था कि परिसर में पानी, भोजन और बिजली खत्म हो गई है और गहन देखभाल इकाई (Intensive Care Unit) प्रभावित हुई है.
एनजीओ का दावा- अस्पतालों पर बमबारी कर रहा इजरायल
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने कई बार आरोप लगाया है कि हमास अल-शिफा अस्पताल के नीचे सुरंगों से काम कर रहा है, जबकि हमास ने इससे इनकार किया है. मानवीय मदद करने वाले एक एनजीओ डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने कहा है कि गाजा पट्टी के अस्पतालों पर पिछले 24 घंटों से लगातार बमबारी हो रही है. एनजीओ ने बताया है कि इजरायली टैंक अल-कुद्स अस्पताल के एकदम पास आ रहे हैं. वहीं, इजरायली सेना ने कहा है कि रंतीसी अस्पताल लगभग पूरी तरह से खाली हो गया है.
गाजा सिटी में अब केवल एक ही अस्पताल कर रहा काम- सर्जन का दावा
बीबीसी के मुताबिक, अल-अहली अस्पताल के कार्यरत तीन सर्जनों में से एक डॉ. घासन अबू सिट्टा ने एक वॉयस नोट में बताया कि यह अब गाजा सिटी में एकमात्र चालू अस्पताल है. उन्होंने कहा है कि अक्टूबर में अस्पताल के मिसाइलों की चपेट में आने के बाद इसे चालू रखने के लिए डॉक्टरों ने एक फील्ड अस्पताल की स्थापना की है.
सर्जन सिट्टा ने कहा, "हम तीन सर्जन हैं, मैं खुद एक प्लास्टिक सर्जन, एक आर्थोपेडिक सर्जन और जनरल सर्जन. हमारे अस्पताल में अब 150 से ज्यादा मरीज जमीन पर गद्दों पर हैं."
बता दें कि अल-शिफा और अल-कुद्स दोनों ही अस्पताल उत्तरी गाजा में हैं. इजरायल ने नागरिकों को दक्षिण की ओर चले जाने की चेतावनी दी है. वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि यह हर किसी के लिए विकल्प नहीं है.
कब्जे वाले वेस्ट बैंक में मारे गए 176 फिलिस्तीनी- संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी OCHA के मुताबिक, 7 अक्टूबर से कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 46 बच्चों समेत 168 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं, कब्जे वाले पूर्वी यरुशलम में एक बच्चे समेत अन्य आठ लोगों की हत्या की गई है. वेस्ट बैंक में हुई मौतों का आरोप इजरायली सेना और पूर्वी यरुशलम में मारे गए लोगों की हत्या का आरोप इजरायली निवासियों पर लगा है.
मारा गया हमास का एक और कमांडर- आईडीएफ का दावा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने अहमद सियाम नामक हमास के एक कमांडर का मार दिया है. आईडीएफ और इजरायल सिक्योरिटीज अथॉरिटी (आईएसए) ने एक साझा बयान में कहा कि अहमद सियाम हमास के अन्य लड़ाकों के साथ अल बुराक स्कूल में छिपते वक्त मारा गया.
बयान में कहा गया कि सियाम ने रंतीसी अस्पताल में करीब 1,000 गाजावासियों को बंधक बना लिया था और उन्हें दक्षिण की ओर जाने से रोका था. सियाम की मौत की पुष्टि अभी हमास की ओर से नहीं की गई है.
कतर ने कही बंधक वार्ता जारी रखने की बात
रियाद में संयुक्त इस्लामिक-अरब शिखर सम्मेलन में 57 देश इजरायली हमलों पर चर्चा करने के लिए जमा हुए हैं. इसमें कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा कि उन्हें स्थायी युद्धविराम की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि उनका देश हमास की ओर से बंधक बनाए गए इजरायलियों को छोड़े जाने के लिए बातचीत जारी रखेगा.
इस जंग के दौरान दोहा एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ के रूप में उभरा है, जो कई बंधकों को छोड़े जाने के लिए बातचीत कर रहा है. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, इस सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने नेताओं से इजरायल के साथ व्यापार सहित सहयोग समाप्त करने का आह्वान किया.
इजरायल ने उत्तरी गाजा में की एक निकासी विंडो की घोषणा
गुरुवार (9 नवंबर) को यह जानकारी सामने आई थी कि अमेरिका ने बंधकों को छुड़ाने के लिए वार्ता के दौरान इजरायल से गाजा में तीन दिन से ज्यादा लड़ाई रोकने के लिए कहा था. व्हाइट हाउस ने जानकारी दी थी कि इजरायल उत्तरी गाजा में हर रोज 4 घंटे के मानवीय विराम के लिए सहमत हो गया है ताकि लोग वहां से निकासी कर सकें.
अब UN मॉनिटरों ने कहा है कि चूंकि इन निकासी विंडो की घोषणा पहली बार एक हफ्ते पहले की गई थी, इस दौरान 1,50,000 से ज्यादा नागरिक उत्तर से भाग गए हैं. वहीं, शनिवार को इजरायली सेना ने एक नई निकासी विंडो की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि नागरिक केंद्रीय सड़क और तटीय सड़क का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लंदन में निकला फिलिस्तीन के समर्थन में मार्च, पुलिस का दावा- 3 लाख लोग हुए शामिल
न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, लंदन में शनिवार (11 नवंबर) को फिलिस्तीन के समर्थन में मार्च निकाला गया. पुलिस ने कहा कि करीब 300,000 फिलिस्तीनी समर्थकों ने लंदन में शांतिपूर्ण मार्च किया, जो युद्ध शुरू होने के बाद से इस तरह का सबसे बड़ा आयोजन था.
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