भूख से तड़प रहे थे बेटे, घोड़े मारकर खिलाने को मजबूर हुआ पिता, गाजा में बिगड़ते जा रहे हालात
Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध से पहले जबालिया फिलिस्तीन में हमास लड़ाकों का सबसे बड़ा शिविर था. इजरायली आंकड़ों के मुताबिक इस शिविर से करीब 1,160 लोग मारे जा चुके हैं.
Israel-Hamas War: इजरायली सेना और हमास के लड़ाके पिछले काफी समय से गाजा पट्टी में एक दूसरे के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. हाल यह है कि इस लड़ाई में अबतक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. लंबी लड़ाई के बीच गाजा में अब लोग भुखमरी का शिकार होने लगे हैं.
उत्तरी गाजा स्थित जबालिया शरणार्थी शिविर में दिन गुजार रहे अबू जिब्रिल का कहना है कि वह अपने परिवार को जिंदा रखने के लिए अपने 2 घोड़ों को मारने पर मजबूर हो गए. क्योंकि उनके आंखों के सामने उनके परिवार वाले भूख से तड़प रहे थे.
एएफपी के साथ बातचीत करते हुए जिब्रिल ने कहा, 'हमारे पास बच्चों का पेट भरने के लिए घोड़ों को मारने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. हम घोड़ों को नहीं मारते तो भूख हमें मार देती.'
इजरायल-हमास युद्ध से पहले जबालिया फिलिस्तीन में हमास लड़ाकों का सबसे बड़ा शिविर था. इजरायली आंकड़ों के मुताबिक इस शिविर से करीब अबतक 1,160 लोग मारे जा चुके हैं.
60 वर्षीय जिब्रिल के मुताबिक लड़ाई शुरू होने के बाद वह बेत हानून से अपने परिवार के साथ भाग आए. मौजूदा समय में वह अपने परिवार के साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक स्कूल में कपड़े से बने घर में जीवन गुजार रहे हैं.
इस शिविर के बारे में बात करते हुए जिब्रिल ने बताया कि यहां उनके जैसे बहुत सारे लोग हैं. ज्यादा जनसंख्या होने की वजह से शिविर में दूषित पानी, बिजली कटौती और भीड़भाड़ एक बड़ी समस्या है.
हाल यह है कि शिविर में भोजन खत्म हो चूका है. क्षेत्र में लगातार हो रही बमबारी की वजह से राहत एजेंसियां यहां तक पहुंचने में असमर्थ साबित हो रही हैं. इसके अलावा अगर कोई सहायता ट्रक द्वारा आ भी रहा है तो रास्ते में ही लोग उसे लूट ले रहे हैं.
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